आखिर क्या है राजस्थान मिनिमम इनकम बिल

Update: 2023-07-22 06:24 GMT

राजस्थान: राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले सीएम अशोक गहलोत ने एक और बड़ा धमाका कर दिया है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी कानून ‘राइट टू हेल्थ’ लाने के ठीक 4 महीने बाद अब सरकार ने विधानसभा में ‘राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023’ पेश किया जो शुक्रवार को ध्वनि मत से पारित हो गया. बताया जा रहा है कि गहलोत के सामाजिक सुरक्षा के मॉडल में यह कानून मास्टरस्ट्रोक है. सरकार के मुताबिक इस कानून से प्रदेश की जनता को मिनिमम इनकम की गारंटी दी जाएगी और ग्रामीण बेरोजगार से लेकर शहरी सभी को मिनिमम इनकम गांरटी के तहत रोजगार दिया जाएगा. इस न्यूनतम आय गारंटी योजना के तहत सरकार की ओर से अधिसूचित महात्मा गांधी न्यूनतम आय गारंटी योजना, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी स्कीम, मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के साथ वृद्धावस्था, विशेष योग्यजन, विधवा एकल महिला के पात्र वर्गों को इसमें शामिल किया गया है जिसके लिए सरकार ने 2500 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रावधान किया है. वहीं इस कानून के दायरे में आने वालों की न्यूनतम उम्र 18 साल तक रखी गई है.

क्या है न्यूनतम आय गारंटी बिल?

बिल के मुताबिक राज्य के सभी परिवारों को हर साल 125 दिनों के रोजगार की गारंटी दी गई है. वहीं वृद्धों, विकलांगों, विधवाओं और सिंगल महिलाओं को न्यूनतम 1,000 रुपये हर महीने पेंशन दी जाएगी. इसके साथ ही पेंशन की राशि को हर साल 15 फीसदी की दर से बढ़ाया भी जाएगा. इस बिल में तीन श्रेणियां बनाई गई है जहां न्यूनतम गारंटीकृत आय का अधिकार, गारंटीकृत रोजगार का अधिकार, और गारंटीकृत सामाजिक सुरक्षा पेंशन का अधिकार. सरकार गारंटी इनकम को शहरों में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना और गांवों में महात्मा गांधी नेशनल रूरल एंप्लॉयमेंट गारंटी योजना के तहत इसमें जनता को रोजगार देगी. मालूम हो कि इस साल बजट भाषण में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहरी रोजगार योजना के तहत हर परिवार रोजगार गारंटी को 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन करने का ऐलान किया था. वहीं पेंशन के लिए सरकार ने योग्य लोगों की न्यूनतम 1,000 रुपए करने का फैसला किया था.

अब रोजगार की मिलेगी गारंटी

वहीं रोजगार के अधिकार के तहत बताया गया है कि शहर हो या कोई गांव, काम खत्म होने के बाद एक हफ्ते के भीतर मजदूरी देने की गारंटी दी गई है और मजदूरी का वेतन 15 दिन के अंदर मिलना तय किया गया है. जानकारी मिली है कि इसके क्रियान्वन के लिए सरकार ग्रामीण इलाके में एक अधिकारी नियुक्त करने जा रही है. वहीं जॉब कार्ड रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद 5 किलोमीटर के दायरे में रोजगार दिया जाएगा. वहीं अगर इलाके का प्रोग्राम ऑफिसर 15 दिन के भीतर कोई काम नहीं दे पाता है तो उसे हफ्ते के हिसाब से बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा.

सामाजिक सुरक्षा पेंशन की गारंटी

वहीं निर्धारित पात्रता के साथ वृद्धावस्था/विशेष रूप से विकलांग/विधवा/सिंगल महिला के साथ ही इस श्रेणी में आने वाला हर व्यक्ति पेंशन का हकदार होगा. इसके साथ ही इस पेंशन में हर साल में 2 बार बढ़ोतरी की जाएगी. वहीं जुलाई महीने में 5 फीसदी और जनवरी में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. सलाहकार बोर्ड भी बनाया जाएगा वहीं राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023 के तहत बनाए गए नियमों की नियमित मॉनिटरिंग के लिए सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक सलाहकार बोर्ड बनाने का भी फैसला लिया है. इस सलाहकार बोर्ड में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, स्वायत शासन विभाग आयोजना विभाग और वित्तीय वित्त विभाग के प्रभारी शासन सचिव इसके सदस्य बनाए जाएंगे.

चुनावी लिहाज से अहम बिल

गौरतलब है कि साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं और सीएम गहलोत बीते दिनों महंगाई राहत कैंप के दौरान लगातार सामाजिक सुरक्षा का जिक्र करते रहे हैं और इसी कड़ी में अब यह कानून अहम माना जा रहा है. वहीं बीते दिनों सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थियों से बातचीत के दौरान सीएम ने कहा था कि हम पेंशन के तौर पर 1,000 रुपए दे रहे हैं जो देना हर सरकार की जिम्मेदारी है. वहीं कानून लाने के पीछे सीएम ने कहा था कि हम कानून इसलिए लेकर आ रहे हैं ताकि आगे कोई भी पेंशन बंद ना कर सके.

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