भीलवाड़ा के गैंगरेप-भट्‌ठी कांड में 7 आरोपी बरी, 2 दोषियों पर फैसला सुरक्षित

Update: 2024-05-19 03:36 GMT
जयपुर। पॉक्‍सो अदालत ने भीलवाड़ा सामूहिक दुष्‍कर्म और हत्या मामले में शनिवार को दो लोगों को दोषी ठहराया है और सात आरोपियों को बरी कर दिया। मालूम हो कि जघन्य अपराध के बाद नाबालिग को जिंदा जला दिया गया था।
विशेष लोक अभियोजक महावीर किसनावत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने 43 गवाहों के बयान पेश किए गए, जिनमें से 42 ने अपने साक्ष्य का समर्थन किया।
भीलवाड़ा पॉक्‍सो अदालत के मजिस्ट्रेट अनिल गुप्ता ने घटना में दो मुख्य आरोपियों को दोषी पाया। अन्य सात को बरी कर दिया गया है। हालांकि, सजा की अवधि सुरक्षित रखी गई है और अगली सुनवाई सोमवार को होनी है।
10 महीने से चल रही थी सुनवाई
उन्होंने कहा कि मामले में 473 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी और पिछले 10 महीने से सुनवाई चल रही थी।जांच तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक श्याम सुंदर बिश्नोई द्वारा की गई थी और एडीजी (अपराध) दिनेश एमएन और अजमेर रेंज आईजी लता मनोज द्वारा निगरानी की गई थी।
पिछले साल 2 अगस्त को अपने खेत में बकरियां चराने गई गिरड़िया पंचायत की एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसे कोयले की भट्टी में जिंदा जला दिया गया था।
जब वह शाम तक घर नहीं लौटी तो ग्रामीणों ने उसकी तलाश की और 3 अगस्त की सुबह कोयले की भट्टी में एक चांदी की चूड़ी और उसके अवशेष मिले थे।
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