धर्मशाला । आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक स्थिरता के लिए योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर धर्मशाला में आयुष विभाग द्वारा आयोजित जिला स्तरीय योगाभ्यास कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने यह शब्द कहे। उन्होंने कहा कि योग भारत की विश्व को अमूल्य भेंट है, जिससे प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन को सार्थक बना सकता है।
उन्होंने कहा कि योगाभ्यास से केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं अपितु आध्यात्मिक, मानसिक और वैचारिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। उन्होंने कहा कि इसकी उपयोगिता और आवश्यकता को समझते हुए संयुक्त राष्ट्र ने भारत के आग्रह पर 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया। उन्होंने कहा कि 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिला कांगड़ा में आयुष विभाग द्वारा विभिन्न पंचायतों, शिक्षण संस्थानों, महिला एवं युवा मंडलों और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर योगाभ्यास करवाया गया।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की इस वर्ष की थीम ‘हरघर-आंगन योग’ के तहत यह कार्यक्रम करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों और थीम का उद्देश्य केवल मात्र इतना है कि योग को हम सब अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाते हुए प्रतिदिन अपने घरों में इसका अभ्यास करें।
इस दौरान आयुष विभाग के विशेष कार्य अधिकारी डॉ. सुनीत पठानिया, एडीएम रोहित राठौर, एएसपी वीर बहादुर, एसडीएम धर्मेश रमोत्रा, जिला आयुष अधिकारी डॉ. रश्मि अग्निहोत्री सहित आयुष विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे।