पंजाब के सरकारी अस्पतालों में होंगी प्राईवेट अस्पतालों के समान सहूलतें

Update: 2023-10-02 15:31 GMT
पटियाला: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आज 1300 करोड़ रुपए की लागत के साथ राज्य भर में सेकंडरी स्वास्थ्य देखभाल सहूलतों के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड/ मजबूत करने के लिए व्यापक मुहिम की शुरुआत की।
इस मुहिम के अंतर्गत मुख्यमंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आज पटियाला में अपग्रेडशन के बाद माता कौशल्या अस्पताल लोगों को समर्पित किया, जो ऐतिहासिक शहर पटियाला और इसके पास के इलाके के लगभग 20 लाख लोगों की आबादी को स्वास्थ्य सहूलतें मुहैया करेगा। इस अस्पताल में 300 बैड हैं और अब इस प्रतिष्ठित अस्पताल में 66 बैडों का विस्तार किया गया है। अस्पताल को 13.80 करोड़ रुपए की लागत के साथ मज़बूत किता गया है और अब यह अस्पताल आई. सी. यू, एन. आई. सी. यू और अन्य सहूलतों के साथ लैस है।
राज्य में स्वास्थ्य क्रांति के युग की शुरुआत करते हुये सरकार ने वित्तीय साल 2023- 24 के अपने बजट में कम्युनिटी हैल्थ सैंटरों, सब डिवीजनल अस्पतालों और ज़िला अस्पतालों की मज़बूती के लिए 1300 करोड़ रुपए की अंदाज़न लागत के साथ विशेष प्रोजैकट का ऐलान किया है और इस प्रोजैकट को क्रमवार पूरा किया जायेगा। आज 19 ज़िला अस्पतालों, 6 सब डिवीजनल अस्पतालों और 15 सी. एच. सी. को कवर करने वाले प्रोजैकट के पहले पड़ाव की शुरुआत की गई, जिस पर 402 करोड़ की लागत आयेगी। इस प्रोजैकट के अंतर्गत सरकार ने अस्पतालों में सेवाएं जैसे अलग- अलग सहूलतों सम्बन्धित मरीजों की सहायता और मार्गदर्शन के लिए एक समर्पित मरीज़ सुविधा केंद्र स्थापित करने का फ़ैसला किया है।
इनमें से हरेक हैल्थ केयर फैसिलिटी में पूरी तरह लैस माडयूलर आपरेशन थियेटर ( ओ. टीज़) का निर्माण किया जायेगा और वैंटीलेटरों, कार्डिअक मॉनीटरों और अन्य सभी उपकरणों की उपलब्धता के साथ एमरजैंसी ब्लाकों को और मज़बूत किता जायेगा। सभी ज़िला अस्पतालों में इंटैंसिव केयर यूनिट ( आई. सी. यू) खोले जाएंगे। पंजाब सरकार ने लोगों को प्राइमरी स्वास्थ्य सेवाओं को उनके घरों तक प्रदान करने के मकसद के साथ पिछले एक साल में राज्य में 664 आम आदमी क्लीनकों की स्थापना की है।
इन क्लीनकों में कुल 80 किस्मों की दवाएँ और 41 तरह के टैस्ट मुफ़्त किये जा रहे हैं। क्लीनकों में आधुनिक आई. टी. बुनियादी ढांचा मौजूद है और मरीजों के इलाज से सम्बन्धित सभी काम जैसे रजिस्ट्रेशन, इलाज, दवाएँ देने आदि जैसे काम सरकार की तरफ से मुहैया करवाए गए टेबलेट के ज़रिये किये जाते हैं। पिछले एक साल में लगभग 59 लाख मरीजों ने इन क्लीनकों में पहुँच की, जिनमें से 9.54 लाख मरीज़ों ने टैस्ट सहूलतों का लाभ लिया और इन क्लीनकों के द्वारा मरीजों को 40.50 करोड़ रुपए के मूल्य की दवा मुफ़्त दी गई।
यह क्लीनिक आम आदमी की जेबों पर बोझ घटाने समेत उच्च स्वास्थ्य देखभाल सहूलतों में मरीजों के बोझ को घटाने में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। इसी तरह सरकार की तरफ से जच्चा- बच्चा स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्पित केंद्र स्थापित किये जा रहे हैं और ऐसे केंद्र खरड़ और बुढलाडा में लोगों को समर्पित किये गए हैं जबकि नकोदर और रायकोट में ऐसे केंद्र जल्दी ही लोगों को समर्पित किये जाएंगे। इसी तरह नशा छुड़ाओ और पुनर्वास केन्द्रों के आधुनिकीकरण के लिए विशेष प्रोजैकट बनाया गया है।
ऐसे आधुनिक केंद्र न सिर्फ़ उन्नत इलाज सुविधाएं/ थैरेपियां प्रदान करेंगे बल्कि इनमें डिजिटल बुनियादी ढांचा भी उपलब्ध होगा और यह सैंटर स्टैंडर्ड ऐकरीडेशन संगठन से मान्यता प्राप्त होंगे। आधुनिक केन्द्रों के तौर पर विकसित करने के लिए छह नशा छुड़ाओ केन्द्रों और आठ पुनर्वास केन्द्रों की शिनाख़्त की गई है। नशाखोरी को अपराध की श्रेणी से हटा कर इसको मानसिक स्वास्थ्य बिगाड़ के तौर पर माना जायेगा। नयी बहु-अनुशासनात्मक पहुँच के अंतर्गत पीड़ितों को रोज़गार देने के लिए सैंटरों में बने हुनर विकास केन्द्रों के द्वारा रोज़गार सृजित करने की स्कीमों के साथ जोड़ने के साथ-साथ कम्युनिटी और समाज भलाई संगठनों की नशों के विरुद्ध शमूलियत को उत्साहित किया जायेगा।
पंजाब सरकार सरकारी अस्पतालों में स्टाफ बढ़ाने पर ध्यान दे रही है और अब तक स्वास्थ्य विभाग में 9 सुपर स्पेशलिस्ट, 299 स्पेशलिस्ट, 1094 स्टाफ नर्सें, 122 पैरा मैडीकल, 113 क्लर्क और अन्य स्टाफ भर्ती किया चुका है। अब 1866 मैडीकल और पैरा- मैडीकल स्टाफ की भर्ती से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को और मज़बूत किया जायेगा। पिछली सरकारों में 88 हाऊस सर्जनों की संख्या के मुकाबले 300 हाऊस सर्जनों की रिकार्ड संख्या अलग- अलग ज़िला अस्पतालों और उप मंडल अस्पतालों के साथ जुड़ चुकी है।
इसके इलावा सरकार ने प्रति मरीज़ के आधार पर 633 मैडीकल अफ़सर, 636 फार्मासिस्ट, 429 क्लीनिक असिस्टेंट और 172 स्वीपर- कम- हैलपरों को इस द्वारा स्थापित किये आम आदमी क्लीनकों में नागरिकों को निर्विघ्न और उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान करने के लिए सूचीबद्ध किया है। जी. एम. सी, पटियाला और फरीदकोट मैडीकल कालेजों में एम. बी. बी. एस. की सीटों की संख्या में 25-25 का विस्तार किया गया है। इसी तरह राज्य सरकार के अथक यत्नों स्वरूप डी. एन. बी. सीटें 1922 में 42 से बढ़ कर 2023 में 85 हो गई हैं और आठ नये जिलों जैसे फतेहगढ़ साहिब, एस. बी. एस नगर, होशियारपुर, गुरदासपुर, पठानकोट, बरनाला, कपूरथला और एस. ए. एस नगर को डी. एन. बी. सीटें मिलीं हैं, जिससे पहले 6 जिलों के मुकाबले अब 14 जिलों में डी. एन. बी. सीटें हैं।
पंजाब को मैडीकल शिक्षा के केंद्र के तौर पर उभारने के लिए कपूरथला और होशियारपुर में 415 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ 100 एम. बी. बी. एस सीटों वाले नये मैडीकल कालेज स्थापित किये जा रहे हैं। इसी तरह मालेरकोटला में 100 एम. बी. बी. एस. सीटों वाला माइन्योरिटी मैडीकल कालेज और एस. ए. एस. नगर में विशेष पंजाब इंस्टीट्यूट आफ लीवर एंड बायलरी सायंसेज़ की स्थापना की जा रही है। समाज के स्वास्थ्य में सुधार के मकसद के साथ नागरिकों को नियमित योगा सैशनों को उत्साहित करने के लिए पंजाब में विशेष प्रोजैक्ट “ सी. एम दी योगशाला“ शुरू किया गया है।
यह पहलकदमी योग का एक ऐसा स्वरूप प्रदान करने की कोशिश है जो सभी के लिए पहुंचयोग्य है और सभी के लिए मुफ़्त है। राज्य के अलग- अलग शहरों में हफ़्ते में छह दिन 300 से अधिक क्लासों लगाई जा रही हैं, जिसमें 10,000 के करीब नागरिक इन योगा सैशनों में भाग ले रहे हैं। लगभग 180 अतिरिक्त ट्रेनरों ने अपना प्रशिक्षण सैशन पूरा कर लिया है और 4 अक्तूबर से क्लासें लेनी शुरू कर देंगे।
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