पंजाब बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि पर फोकस, 15 से 20 फीसदी वृद्धि
पंजाब में 27 जून को विधानसभा सत्र के दौरान पेश होने वाला बजट अभी तक पेश हुए बजटों से अलग होगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पंजाब में 27 जून को विधानसभा सत्र के दौरान पेश होने वाला बजट अभी तक पेश हुए बजटों से अलग होगा। इस बजट में नई सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि पर फोकस कर रही है। नई सरकार इन क्षेत्रों में अभी तक होने वाले खर्च में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि करेगी। साथ ही उत्पाद शुल्क से अधिक कर संग्रह और खनिज बिक्री से राजस्व जुटाने में नई सरकार जोर देगी।
शुक्रवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में आम आदमी पार्टी (आप) इस साल का बजट पेश करने जा रही है। वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस समय बजट प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस बजट में नई सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्रों के लिए आवंटन में पर्याप्त वृद्धि की है। अधिकारियों ने पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इन क्षेत्रों में आवंटन में लगभग 15-20 फीसदी होने की संभावना जताई है। पिछले छह वर्षों के आंकड़ों को यदि देखें तो पता चलता है कि शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्रों में 1.2 या 2.0 प्रतिशत ही बजट आवंटन होता था। अभी तक शिक्षा के क्षेत्र में फंड आवंटन का उच्चतम प्रतिशत कुल बजट का सिर्फ 1.2 था। स्वास्थ्य क्षेत्र में सिर्फ 1.25 प्रतिशत और कृषि क्षेत्र में कुल बजट का 2.1 प्रतिशत था।
इसमें खास बात यह है कि इन मूलभूत सुविधाओं वाले क्षेत्रों में सबसे अधिक आवंटन चुनावी वर्ष के बजट (2021-22) में किया गया था। आप सरकार का पहला बजट उत्पाद शुल्क से अधिक कर संग्रह और खनिजों की बिक्री के माध्यम से राज्य के राजस्व को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
इन गारंटियों के लिए होगा बजट आवंटन
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा द्वारा पेश किए जाने वाले बजट प्रस्तावों में आप की गारंटियों को पूरा करने के लिए आवंटन भी होगा। इनमें प्रमुख गारंटी 300 यूनिट मुफ्त बिजली, मूंग, मक्का को एमएसपी पर खरीदने के साथ सीधी बुवाई के लिए जाने वाले किसानों के लिए मुआवजा राशि शामिल है।
नया कर लगाने के पक्ष में नहीं मान
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान बजट में लोगों पर कोई नया कर लगाने के पक्ष में नहीं हैं। यही कारण है कि यह पूरी संभावना है कि सरकार बजट में लोगों पर कोई नया कर नहीं लगाएगी। हालांकि इस वित्तीय वर्ष में पिछले वर्ष के मुकाबले में राज्य को जीएसटी मुआवजे में 9000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।