मुंबई ठाणे पालघर में येलो अलर्ट जारी, कई इलाकों में अब भी मानसून आने की तैयारी

महाराष्ट्र भर में मानसून (Monsoon in Maharashtra) पूरी तरह से छा चुका है. 99 फीसदी इलाकों में मानसून आने के बाद भी कुछ इलाकों को मानसून की पहले बारिश का इंतजार है

Update: 2022-06-17 10:01 GMT

महाराष्ट्र भर में मानसून (Monsoon in Maharashtra) पूरी तरह से छा चुका है. 99 फीसदी इलाकों में मानसून आने के बाद भी कुछ इलाकों को मानसून की पहले बारिश का इंतजार है. मुंबई और इसके आस पास गुरुवार को अच्छी बरसात (Mumbai Rain) हुई. विदर्भ में भी नागपुर समेत कई इलाकों में गुरुवार को अच्छी बरसात हुई. इनके अलावा पुणे, सांगली, वाशिम, यवतमाल, बुलढाणा जिले में भी बुधवार और गुरुवार को बरसात हुई. महाराष्ट्र भर में बारिश तो हो रही है, लेकिन यह अब तक उम्मीद के मुताबिक नहीं हुई है. 18 जून से कोंकण और मध्य महाराष्ट्र में मानसून का जोर बढ़ेगा. 20 जून से राज्यभर में जमकर बरसात होगी. मौसम विभाग (IMD) ने 20 जून को मुंबई, ठाणे और पालघर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है और कोंकण के सिंधुदुर्ग और रत्नागिरी जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मछुआरों को 20 जून से समुद्र में ना जाने की सलाह दी गई है.

गुरुवार को मुंबई, ठाणे और इसके आस-पास के कई इलाकों में बरसात हुई. इस वजह से कुर्ला में सड़कों में पानी भर गया. मौसम विभाग ने कोलाबा में 18 मिमी बारिश को रिकॉर्ड किया. सांताक्रूज में 11.7 मिमी बरसात दर्ज की गई. बुधवार और गुरुवार को विदर्भ के कई जिलों में बरसात हुई. इससे सभी जिलों में तापमान गिर गया और लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली. नागपुर में तापमान 5.1 डिग्री सेल्सियस तक गिरकर 32.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. अगले पांच दिनों तक विदर्भ में बिजलियों की कडकड़ाहट और बादलों की गड़गड़ाहट तक बरसात का माहौल बना रहेगा.
मछुआरों को समुद्र में ना जाने की सलाह
महाराष्ट्र में अब तक बिजली गिरने से कई लोगों की मौत हुई है. मछुआरों के लिए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर 20 जून से समुद्र में ना जाने की सलाह दी है. मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी इनकी गति 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है. इसलिए मछुआरों को समुद्र में ना जाने की सलाह दी गई है.
गुरुवार को महाराष्ट्र के 99 फीसदी इलाकों तक पहुंचा मानसून
गुरुवार तक विदर्भ समेत महाराष्ट्र के 99 फीसदी इलाकों तक मानसून पहुंच चुका है. लेकिन मानसून आने के बावजूद अब तक उम्मीद से कम बरसात होने पर चिंता जताई जा रही है. दरअसल अरब सागर से आने वाली नमी से भरी हवाओं की रफ्तार और मात्रा में कमी की वजह से यह हुआ है. जून के पहले पंद्रह दिनों में 56 फीसदी कम बारिश हुई है.
ऐसे में खरीफ की फसल की सिंचाई को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है. लेकिन कल से इसमें जोर बढ़ने का अनुमान है. विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि 100 मिलीमीटर तक बरसात होने से पहले वे बुआई की जल्दबाजी ना करें. दोबारा बुआई के संकट से बचाने के लिए कृषि विशेषज्ञों ने यह सलाह दी है.


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