Raisen: बिजली मेंटिनेंस पर कंपनी करती हैं करोड़ों रुपये का बजट खर्च, फिर भी असुविधा
Raisen रायसेन। रायसेन शहर की बिजली ओवरलोड और पुरानी केबल कमजोर होने की समस्या उत्पन्न हो रही है। सुधार कार्य भी किया जा रहा है। छह महीने में आरडीएफएस योजना से पुरानी केबल और ट्रांसफार्मर बदले जगईं।इसमें बिजली कंपनी के अफसरों द्वारा करोड़ों रुपये का बजट खर्च कर दिया।। इसके बाद उपभोक्ताओं को अधिकारियों, कर्मचारियों से शिकायत बरकरार है।
10 वर्ष के लिए मंगवाए गए 108 ट्रांसफार्मर....
कंपनी के अधिकारी ने बताया कि शहर में बिजली सप्लाई के लिए 10 वर्षों का फार्मर के अलावा 108 ट्रांसफार्मर अतिरिक्त रखे गए हैं। 25 केवी की जगह 60 केवी ट्रांसफार्मर और 100 केवी की जगह 200 केवी का ट्रांसफार्मर रखे जाने का प्लान बनाया गया है। इसके साथ ही 50 एमएम की जगह 90 एमएम की केबल बिछाई जाएगी। जिससे उपभोक्ताओं के साथ कर्मचारियों को परेशानियां का सामना नहीं करना पड़ेगा। प्लान बनाया गया है। 300 ट्रांस
आरडीएफएस योजना से बदली जाएगी केबिल व सर्किट...
एक बार फिर मप्र मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी के अधिकारी आरडीएफएस योजना में करोड़ों रुपये का बजट खर्च करने की तैयारी है।बताया जा रहा है कि शहर में 300 ट्रांसफार्मर लगे हैं। एक ट्रांसफार्मर पर चार सर्किट हैं। पूरे शहर में 1200 सर्किट और शॉकेट लगे हैं। ओवरलोड बिजली से यह गर्म होने लगते हैं। जिसके कारण समस्या उत्पन्न हो जाती है। आरडीएफएस योजना से पुरानी केबल, सर्किट, शॉकेट और ट्रांसफार्मर बदलने की योजना बनाई जा रही है।
बारिश में शहर में ओवरलोड बिजली और पुरानी केबल से फाल्ट और शॉर्ट सर्किट की समस्याएं प्रतिदिन आने लगी है। फाल्ट और शॉर्ट सर्किट के स्थान को खोजने में कर्मचारी घंटों लग रहे हैं। 24 घंटे में 10 से 11 बार बिजली जा रही है। जिसके कारण उपभोक्ताओं की परेशानियां बढ़ गई हैं। उपभोक्ताओं की परेशानियों को खत्म करने के लिए बिजली कंपनी ने टीम का गठन कर दिया है।
बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि नगर में 300 से अधिक ट्रांसफार्मर रखे हैं। उनसे 25 हजार से अधिक उपभोक्ता कनेक्शन लिए हैं। लेकिन फिर भी सालभर लाइट मेंटीनेंस के बावजूद बारिश में लाइट गुल की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इस मामले में सिटी के प्रांजल शर्मा का कहना है कि जल्दी रायसेन शहर की बिजली व्यवस्था को जल्द ही सुधार लिया जाएगा बिजली फाल्ट होने की शिकायत आने पर टीम भेज कर बिजली सप्लाई कराई जाती है।