Gwalior. ग्वालियर। ग्वालियर के गोकुलपुरा में करीब 17.5 बीघा जमीन है, जिसकी वर्तमान कीमत 60 करोड़ रुपए आंकी जा रही है। इसी को लेकर बुधवार दोपहर पंचायत बुलाई गई थी। इसी दौरान एक ही परिवार के दो पक्षों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि गोलीबारी हो गई। इसमें पूर्व सरपंच के बेटे की मौत हो गई, जबकि पांच लोग घायल हो गए। जब गुरुवार दोपहर को दैनिक भास्कर की टीम गांव पहुंची, तो वहां सन्नाटा पसरा हुआ था। लोग अपने घरों में दुबके हुए थे। चौपाल जहां, आमतौर पर भीड़भाड़ रहती थी, आज वीरान नजर आ रही थी। पूरे गांव में खामोशी थी और हर तरफ पुलिस का कड़ा पहरा दिख रहा था।
जब हम मृतक पुरुषोत्तम यादव के घर पहुंचे, तो वहां काफी संख्या में लोग जमा थे, क्योंकि कुछ ही देर में गोली लगने से मरने वाले युवक की बॉडी आने वाली थी। जिसके रिश्तेदार और गांव वाले अंतिम संस्कार की तैयारी में लगे थे। पूरे घर में गमगीन माहौल था। यहां महिलाएं रो-बिलख रही थीं। पुरुषोत्तम यादव के घर के पास दो घर छोड़कर आरोपियों का घर है, जहां सन्नाटा पसरा हुआ था और घर के बाहर ताला लगा था। वहां के पुरुष, महिलाएं और बच्चे सभी घर छोड़कर भाग चुके हैं। वहीं, आरोपियों के घर के बाहर और पूरे गांव में भारी पुलिस बल तैनात है।
करीब साढ़े 17 बीघा जमीन, जिसकी मौजूदा कीमत लगभग 60 करोड़ रुपए आंकी जा रही है, इसी के बंटवारे को लेकर विवाद हुआ। पंचायत के दौरान दोनों पक्षों के बीच कहासुनी इतनी बढ़ गई कि देखते ही देखते गोलियां चलने लगीं। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश जारी है। ग्वालियर के गिरवाई थाना क्षेत्र स्थित गोकुलपुरा में हुकुम सिंह यादव और उनके भाई पंचम सिंह यादव के बीच पुश्तैनी जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। यह जमीन 1989 में हुकुम सिंह के पिता मजबूत सिंह ने खरीदी थी। चूंकि हुकुम सिंह के छोटे भाई बालमुकुंद और बड़े भाई शिवचरण उस समय नाबालिग थे, इसलिए जमीन बड़े भाई पंचम सिंह यादव के नाम कर दी गई थी।
बाद में, हुकुम सिंह, बालमुकुंद और शिवचरण ने 2000 में कानूनी कार्रवाई कर जमीन अपने नाम करा ली। हालांकि, 2018 में पंचायत बैठी, जिसमें जमीन का एक हिस्सा पंचम सिंह, शिवचरण और बालमुकुंद को दिया गया, जबकि दूसरा हिस्सा पंचम सिंह की पत्नी कमला यादव और उनके बेटे रामू व रामबरन यादव के नाम हुआ। लेकिन 2021 में कमला और उनके बेटों ने कथित रूप से फर्जी दस्तावेज तैयार कर पूरी जमीन अपने नाम करा ली। इसके बाद विवाद कोर्ट तक पहुंच गया, जहां 2021 में कोर्ट ने हुकुम सिंह के पक्ष में फैसला सुना दिया। बावजूद इसके, दूसरा पक्ष मानने को तैयार नहीं था। प्रशासनिक अधिकारी कई बार सुलह का प्रयास कर चुके थे, लेकिन समस्या का समाधान नहीं निकल पाया।
बुधवार को कुछ रिश्तेदारों ने दोनों पक्षों के बीच दुश्मनी खत्म करने के लिए पंचायत बुलाकर बातचीत कराने की पहल की थी। इस दौरान मजबूत सिंह के बड़े बेटे, पंचम सिंह की पत्नी कमला और उसका बेटा रामू यादव हथियारों के साथ वहां पहुंच गए। इसके बाद कमला के बेटे रामबरन, रामू, रणवीर और दिनेश ने पिस्टल, माउजर और बंदूक से अपने चाचा हुकुम सिंह, शिवचरण, बालमुकुंद और चचेरे भाई पुरुषोत्तम पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। बचाव में हुकुम सिंह, शिवचरण, बालमुकुंद और पुरुषोत्तम ने भी जवाबी फायरिंग की। इस गोलीबारी में हुकुम सिंह के पक्ष से उनके भाई बालमुकुंद सिंह यादव, पूर्व सरपंच शिवचरण सिंह यादव, भतीजा पुरुषोत्तम सिंह यादव और धीरज यादव गोली लगने से घायल हो गए। वहीं, कमला का बेटा रामबरन सिंह उर्फ रामू और दिनेश यादव भी घायल हुए।