MP News: किसान का जीवन त्याग, परिश्रम और संघर्ष की जीती जागती मिसाल है. जब लोग सर्द रातों में गर्म रजाईयों में दुबके होते हैं, वही किसान कड़ाके की ठंड में अपने खेतों में खड़ा होकर अपनी फसलों की रखवाली करता है. कीचड़ में सने पैरों, कांपती उंगलियों और सर्द हवाओं का सामना करते हुए वह अपना और दूसरों का पेट पालने के लिए दिन-रात मेहनत करता है. गुना जिले के राघौगढ़ इलाके में दिल दहला देने वाली घटना हुई, जब ठंड से बचने के लिए जलाए गए अलाव ने एक बुजुर्ग किसान की जान ले ली. देर रात झोपड़ी में आग लगने से 80 वर्षीय गोविंद सिंह भील जिंदा जल गए|
सुबह का मंजर बेहद दर्दनाक था- जहां कभी जिंदगी की चहल-पहल थी, अब सिर्फ राख और कंकाल बचे हैं. जंजाली चौकी के गोड़िया गांव निवासी गोविंद सिंह खेतों में सिंचाई का काम करते थे और इसी वजह से अपनी झोपड़ी में रहते थे. रात उन्होंने कड़ाके की ठंड से बचने के लिए आग जलाई और खुद को गर्म करने के बाद झोपड़ी में सोने चले गए. रात के अंधेरे में अलाव की लपटें झोपड़ी में फैल गईं, लेकिन गोविंद सिंह गहरी नींद में होने के कारण समय रहते बाहर नहीं आ सके।
आग ने सब कुछ अपनी चपेट में ले लिया। उनके परिवार के सदस्य पास के खेत में मौजूद थे, लेकिन जब तक उन्हें घटना की खबर मिली और वे वहां पहुंचे, तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। परिजनों ने अपने सामने बुजुर्ग का अधजला शव देखा, जो उनकी बेबसी और दर्द को बयां कर रहा था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।