Karwa Chauth: सुहागिनों ने की पतियों की पूजन आरती

Update: 2024-10-20 12:53 GMT
Raisenरायसेन। अखंड सुहाग की कामना से सौभाग्यवती महिलाओं ने रविवार 20 अक्टूबर को करवा चौथ का व्रत निर्जला व्रत रखा। शाम को सोलह शृंगार कर चंद्रमा का दीदार किया और फिर चंद्रमा तथा पति की पूजा कर जल ग्रहण के साथ व्रत की पारणा की। सुहाग के व्रतों में से सबसे प्रमुख माने जाने वाले करवा चौथ व्रत के लिए महिलाएं तीन-चार दिन से तैयारी कर रही थीं। रविवार को सुबह 4-5 बजे के बीच महिलाओं ने सरगई कर व्रत प्रारंभ किया और फिर दिन भर निर्जला रहकर पूजा की तैयारी में लगी रहीं।
करवा चौथ महापर्व को लेकर बाजार में दिन भर काफी भीड़ रही, खासकर पूजन सामग्री, करवे, छलनी, सीकें और कथा की पौथी फूलमाला गजरे की दुकानों पर काफी भीड़ रही। कई घरों में शंकर-पार्वती, गणेश और कार्तिकेय का पूजन भी किया गया। मेंहंदी, महावर, चूडियों, चुनरी, बिंदी मिठाई आदि के साथ पूरा श्रंगार कर पंजाबी समाज की महिलाओं ने दोपहर बाद गुरुद्वारे में करवा चौथ की सामूहिक पूजा की। गीत गाए और उल्लास से नृत्य किया। वहीं आम परिवारों के घरों में शाम से ही महिलाएं पूरा शृंगार कर चंद्रोदय का इंतजार करती रहीं। रात 8.6 बजे चंद्रोदय के साथ ही महिलाओं ने चंद्रदर्शन किया, उन्हें अर्ध्य दिया और फिर छलनी में से चंद्रमा और अपने पति का चेहरा देखकर पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत की पारणा की.
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