भोपाल न्यूज़: धर्म और पहचान छिपाकर लड़कियों-युवतियों के शोषण के मप्र में 133 मामले दर्ज किए गए हैं. ये आंकड़े धर्म स्वातंत्र्यता अधिनियम लागू होने यानी मार्च 2021 से मई 2023 तक के हैं. 26 माह में मप्र में 62 युवतियों और महिलाओं के साथ बलात्कार के केस दर्ज हुए. ये वे केस हैं, जिनमें आरोपी ने अपना धर्म और पहचान छिपाई. 2021 में प्रदेश में इस अधिनियम के तहत 65 तो वर्ष 2022 में 55 प्रकरण दर्ज किए गए. मौजूदा वर्ष 2023 में मई माह तक 13 केस दर्ज किए हैं. वर्ष 2021 में 45 लड़कियां और महिलाएं यौन हिंसा का शिकार हुई, वहीं वर्ष 2022 में ये आंकड़ा 40 था. इस साल 7 के साथ अपराध किया गया है. मप्र का मालवा और निमाड़ क्षेत्र इस मामले में सबसे ज्यादा संवेदनशील है. इंदौर जोन में सबसे अधिक 67 केस सामने आए. उज्जैन में 15, भोपाल में 13 और जबलपुर जोन में 11 प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
खंडवा जिले के खालवा में 19 वर्षीय युवती के यौन शोषण का मामला सामने आया. आरोपी तारिक ने पहचान छिपाकर युवती से दोस्ती बढ़ाई. बाद में धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला. प्रताड़ना से परेशान होकर युवती ने थाने में शिकायत दर्ज कराई.
इंदौरे जिले के महू में एक युवती के फोटो वायरल करने की धमकी देकर आरोपी आसिफ ने ब्लेकमेल करना शुरू कर दिया. रुपए नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी और निकाह कर धर्म परिवर्तन करने के लिए धमकाया.
भोपाल में 24 वर्षीय युवती से सोशल मीडिया साइट पर दोस्ती करने के बाद आरोपी साद खान ने रेप किया. आरोपी ने अपनी पहचान छिपाई.
और बाद में धर्म परिवर्तन करने के लिए धमकाया. विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी.