Damoh दमोह: जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक के कुलुवा गांव में बुधवार सुबह तालाब से निकलकर एक मगरमच्छ शासकीय स्कूल के पास आ गया। 10 फीट लंबे मगरमच्छ को देखकर स्कूली बच्चे और ग्रामीण दहशत में आ गए। तत्काल ही मगरमच्छ की सूचना वन विभाग को दी गई।
ग्रामीणों ने बताया कि वे एक महीने से वन विभाग से मगरमच्छ को पकड़ने की गुहार लगा रहे हैं। मगरमच्छ ने गांव के तालाब में अपना घर बना लिया है, जिससे कभी भी कोई घटना हो सकती है। लेकिन, विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। बुधवार दोपहर मगरमच्छ तालाब से बाहर निकलकर आ गया।
बता दें कि जिले में सबसे ज्यादा मगरमच्छ तेंदूखेड़ा ब्लॉक की नदियों और जलाशयों में हैं। इनकी संख्या सैकड़ों में है, जो आए दिन इसी तरह लोगों के सामने आ रहे हैं। ये नदियों से बाहर निकलकर अपना रहवास दूसरे स्थानों पर बनाने लगे हैं। ग्रामीण इन समस्याओं को लेकर लगातार जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को सूचना दे रहे हैं, लेकिन विभाग के अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
ग्राम कुलुवा में शासकीय स्कूल के पीछे एक तालाब है, जिसे पंचायत द्वारा बनवाया गया था। पिछले एक वर्ष से इस तालाब में एक मगरमच्छ आ गया है, जो काफी बड़ा है। ग्रामीण पिछले एक वर्ष से इस मगरमच्छ को तालाब से नदी में शिफ्ट करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन वन विभाग और पंचायत हर बार इस मामले को अनदेखा कर रहे हैं।
तालाब में हैं दो मगरमच्छ
पिछले वर्ष तक तालाब में एक मगरमच्छ होने की पुष्टि हुई थी, लेकिन इस वर्ष दो मगरमच्छ हो गए हैं। दोनों आए दिन धूप सेंकने के लिए तालाब से बाहर आ जाते हैं। मगरमच्छों को देखकर आसपास के लोगों में भय का माहौल बन जाता है।
ग्रामीणों ने बताया कि तालाब से 100 फीट दूर शासकीय स्कूल है, जहां सैकड़ों बच्चे पढ़ाई करते हैं। अवकाश के समय बच्चे इधर-उधर घूमने चले जाते हैं। परिजनों को इस बात का हमेशा भय बना रहता है कि बच्चे तालाब के पास न चले जाएं। दूसरा डर यह है कि यदि मगरमच्छ स्कूल पहुंच गया, तो बड़ा हादसा हो सकता है।
तालाब में जाना किया बंद
कुलुवा गांव में जिस तालाब में मगरमच्छ हैं, उस तालाब से पूर्व में गांव के लोग पानी लेने जाते थे। दैनिक कार्य उसी पानी से होते थे। गांव के मवेशी भी पानी पीने तालाब जाते थे, लेकिन पिछले एक वर्ष से मवेशियों की निगरानी करनी पड़ती है, और ग्रामीणों ने तालाब की ओर जाना बंद कर दिया है।
दूसरी जगह छोड़ा जाएगा
कुलुवा गांव तेजगढ़ वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आता है। तेजगढ़ रेंजर नीरज पांडे ने बताया कि मगरमच्छ का शीघ्र रेस्क्यू करवाकर उसे दूसरी जगह छोड़ा जाएगा।