राजनीति में आया भूचाल: पीएम मोदी को लेकर बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा बयान, कहा- किसी को बताना मत...लेकिन...देखें VIDEO

Update: 2020-12-17 03:54 GMT

फाइल फोटो 

इंदौर में किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ा बयान दिया है. किसान सम्मेलन में अपने भाषण के दौरान विजयवर्गीय ने कहा कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार गिराने में अगर किसी की महत्वपूर्ण भूमिका थी तो वो नरेंद्र मोदी की थी.

दरअसल, किसान आंदोलन और कृषि कानून पर छिड़ी बहस के बीच भारतीय जनता पार्टी ने अलग-अलग शहरों में किसान सम्मेलन का आयोजन किया था. इंदौर में किसान सम्मेलन की ज़िम्मेदारी कैलाश विजयवर्गीय और नरोत्तम मिश्रा को दी गयी थी.
क्या बोले विजयवर्गीय?
इसी में अपने भाषण के दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि 'जब तक कमलनाथ जी की सरकार थी, एक दिन चैन से सोने नहीं दिया. अगर भाजपा का कोई कार्यकर्ता था कमलनाथ जी को सपने में भी जो दिखाई देता था वो नरोत्तम मिश्रा जी थे. तालियां बजाकर नरोत्तम मिश्रा जी का स्वागत करें. ये पर्दे के पीछे की बात कर रहा हूं आप किसी को बताना मत, मैंने आज तक किसी को नहीं बताई, पहली बार इस मंच पर बता रहा हूं कि कमलनाथ जी की सरकार गिराने में यदि महत्वपूर्ण भूमिका किसी की थी तो नरेंद्र मोदी जी की थी धर्मेंद्र प्रधान जी की नहीं थी. पर किसी को बताना मत ये बात, आज तक मैने किसी को नहीं बताई.'
हमारे आरोपों की हुई पुष्टि- कांग्रेस
कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारे आरोपों की पुष्टि खुद कैलाश विजयवर्गीय ने कर दी. कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि 'भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने किसान सम्मेलन के मंच से कांग्रेस के उन तमाम आरोपों की पुष्टि कर दी है कि प्रदेश की लोकप्रिय, जनादेश वाली कमलनाथ सरकार को बीच समय में नरेंद्र मोदी जी के इशारे पर गिराया गया है.'
उन्होंने आगे कहा कि 'भाजपा शुरू से ही झूठ कहती आई है कि कांग्रेस की सरकार गिराने में उसका कोई योगदान नहीं है, कांग्रेस के अंदरूनी संघर्ष के कारण प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिरी है लेकिन आज कैलाश विजयवर्गीय की स्वीकारोक्ति से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस के आरोप पूरी तरह से सही हैं और भाजपा झूठ बोल रही थी एवं चुनी हुई कांग्रेस की सरकारों को असंवैधानिक तरीक़े से गिराने में देश के सर्वोच्च पद पर बैठे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही हाथ है.'



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