ग्वालियर में 27 कॉलेजों का मालिक निकला संविदा शिक्षक, 3500 से शुरू की थी नौकरी

ग्वालियर में साल 2006 में 3500 रुपए महीने में संविदा शिक्षक की नौकरी करने वाला प्रशांत सिंह परमार महज 15 साल में 27 कॉलेजों का मालिक बन गया.

Update: 2022-03-26 11:56 GMT

ग्वालियर. ग्वालियर में साल 2006 में 3500 रुपए महीने में संविदा शिक्षक की नौकरी करने वाला प्रशांत सिंह परमार महज 15 साल में 27 कॉलेजों का मालिक बन गया. EOW ने शनिवार को प्रशांत के एक दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर छापा मार कार्रवाई की, तो चौंकाने वाले खुलासे हुए. मूलतः राजस्थान के रहने वाले प्रशांत ने साल 2006 में संविदा शिक्षक के रूप में नौकरी शुरू की थी. EOW की जांच में प्रशांत के पास 27 कॉलेज, 4 दफ्तर, 2 मकान, जमीन, बैंक एकाउंट और लॉकर्स के दस्तावेज मिले हैं.

बता दें, ग्वालियर में EOW को उस वक्त बड़ी सफलता मिली, जब उसने संविदा शिक्षक प्रशांत परमार पर रेड की. आय से अधिक संपत्ति की एक गोपनीय शिकायत की जांच के बाद EOW ने प्रशांत के सत्यम टावर स्तिथ घर के साथ-साथ कई ठिकानों पर रेड की. इस रेड में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज EOW के हाथ लगे हैं. 2006 से सहायक शिक्षक की नौकरी कर रहा प्रशान्त परमार आज 24 D.ed, 3 B.ed कॉलेज, और 3 नर्सिंग कॉलेज सहित 27 कॉलेजों का मालिक है. ग्वालियर में प्रशांत के 2 मकान और चार दफ्तर होने की जानकारी के साथ जमींन, बैंक एकाउंट्स और लॉकर भी हैं.
झारखंड तक फैला नेटवर्क

प्रशांत मूलतः राजस्थान के बाड़ी का रहने वाला है. उसका यह नेटवर्क झारखंड तक फैला होना पाया गया है. इस कार्यवाही के बीच EOW को प्रशांत के ठिकानों से कई सरकारी दफ्तरों और अधिकारियों की स्टैम्प सील मिली हैं. ऐसे में सम्भवना है कि आरोपी सहायक शिक्षक प्रशांत परमार उन फर्जी स्टाम्प सील के जरिये यह काला खेल संचालित कर रहा होगा.

राजस्थान में विधानसभा चुनाव लड़ने की कर रहा था तैयारी

फिलहाल EOW की कार्यवाही जारी है. अधिकारियों के अनुसार पूरी जांच के बाद 10 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति का खुलासा हो सकता है. जांच के दौरान ये भी जानकारी मिली है कि प्रशांत अगले साल राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था, जिसके लिए पिछले दिनों उसने राजस्थान के बाड़ी इलाके में कई आयोजन भी किए थे.

प्रोफेसर दंपति पर भी मारा था छापा

कुछ दिन पहले आय से अधिक संपत्ति मामले में EOW ने जबलपुर मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर दंपति के ठिकानों पर भी छापा मारा था. उनके बैंक लॉकर्स ने भी काली कमाई उगली थी. उनके खातों से महंगे जेवरात और अकूत संपत्ति के कागजात निकले. ये डॉक्टर दंपति इतनी काली कमाई कर चुका है कि EOW की टीमें सबकुछ गिनते-गिनते थक गईं. 19 मार्च को EOW की टीम ने जबलपुर के धनवंतरी नगर स्थित प्रोफेसर अशोक साहू और उनकी पत्नी प्रोफेसर तृप्ति गुप्ता के घर पर छापा मारा था. मामला काली कमाई का था. प्राथमिक तौर पर ही उनकी तय आय से 72 फ़ीसदी अधिक संपत्ति का पता चल गया था. उसके बाद से जांच जारी थी.
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