BEO कार्यालय फर्जीवाड़ा घोटाला उजागर, Silwani थाने में रिपोर्ट दर्ज नही, दो निलंबित

Update: 2024-09-09 17:01 GMT
Raisen रायसेन। जिले के सिलवानी बीईओ कार्यालय में अतिथि शिक्षक और शिक्षकों के वेतन के एक करोड़ से की राशि खुद और अपने रिश्तेदारों के खाते में डालने के मामले में सिलवानी थाने में अभी तक एफ आई आर दर्ज नहीं की गई है ।लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा दो कर्मचारियों को निलंबित जरूर कर दिया गया है। बी ई ओ कार्यालय सिलवानी के लिपिक चंदन सिंह अहिरवार को निलंबित कर दिया गया है ।जिन्होंने शिक्षकों के वेतन की सबसे बड़ी राशि अपने रिश्तेदारों के बैंक खाते में जमा की थी। इसके साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी रायसेनडीडी रजक द्वारा भी युक्त मामले में कार्रवाई करते हुए प्राथमिक शिक्षक देवेंद्र श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी, जिला रायसेन कमांक/शिका./5864/2024 रायसेन दिनाँक 02/09/2024 के अनुसार विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सिलवानी के पत्र कमांक/जांच/2024/427 सिलवानी दिनांक 12.08.2024 द्वारा प्रेषित प्रस्ताव एवं कार्यालय कलेक्टर (कोषालय) जिला रायसेन का पत्र कमांक / कोषालय/2024/380-81 रायसेन दिनांक 26.07.2024 के संलग्न जॉच प्रतिवेदन अनुसार कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सिलवानी के अंतर्गत राशि रूपये 10,375344/- का कपटपूर्ण आहरण की राशि का भुगतान विभिन्न कर्मचारियों/अन्य व्यक्तियों के खातें में होना पाया गया है।
इस प्रकार देवेन्द्र श्रीवास्तव, प्राथमिक शिक्षक, शास.उ.मा.वि.सियरमऊ के बैंक खाते में दिनांक 23. 03.2022 राशि रु. 5000/- दिनांक 25.03.2022 रू. 9000/- दिनांक 10.05.2022 रू. 16560/- दिनांक 14.02. 2019 रु. 500000/- कुल राशि रू. 530560/- खाते में कपटपूर्ण तरीके से साजिश के तहत षडयंत्र पूर्वक शासकीय धन का भुगतान होना पाया गया है। देवेन्द्र श्रीवास्तव के द्वारा यथा समय शासकीय धन राशि शासन को वापिस किये जाने के लिए कोई ठोस कार्यवाही नही करते हुये राशि का गबन किये जाने की दृष्टि से अपने खाते में रखी गई /उपभोग किया गया।
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देवेन्द्र श्रीवास्तव, प्राथमिक शिक्षक, शास.उ.मा.वि.सियरमऊ, विकासखण्ड सिलवानी, जिला रायसेन द्वारा शासकीय धन राशि रू. 530560/- (पाँच लाख तीस हजार पाँच सौ साठ) का गबन किये जाने में षडयंत्र पूर्वक भूमिका निभाये जाने के कारण उक्त कृत्य अपने पदीय दायित्वों के निर्वाहन में गंभीर वित्तीय अनियमितता, लापरवाही, अनुशासनहीनता व स्वेच्छाचारिता का द्योतक होकर म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 (1) (ii (iii) का उल्लंघन है। अत: देवेन्द्र श्रीवास्तव, प्राथमिक शिक्षक, को म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 9 के अन्तर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में संबंधित का मुख्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सॉची रहेगा । नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी।
हम आपको यह बता दें कि देवेन्द्र श्रीवास्तव जो कि शिक्षा गारंटी शाला घाना, संकुल केंद्र सियरमऊ में 'गुरूजी' थे, ने जिले के अधिकारियों से सांठ-गांठ करके पहले तो अपना स्थानांतरण शा. उमावि सियरमऊ में करवा लिया ।जबकि उस समय गुरूजी के स्थानांतरण का कोई प्रावधान ही नहीं था। इसके साथ ही देवेंद्र श्रीवास्तव की जिले के अधिकारियों में इतनी धाक थी कि वह पूरे संकुल केंद्र का कार्य करने लगा। जिले के अधिकारियों की सेवा करके वह छात्रवृत्ति योजना का जिला स्तरीय नोडल अधिकारी भी बन गये। जिले के अधिकारियों की सेवा करके वह आसपास के शिक्षकों पर दबाव बनाकर ट्रांसफर, पोस्टिंग से लेकर सेवानिवृत्ति क्लेम दिलवाने के नाम पर खूब लूट खसोट कर रहे थे । शायद जिले के अधिकारी भी उससे खुश रहते थे ।तभी तो देवेंद्र श्रीवास्तव को सियरमऊ संकुल के साथ साथ शा. कन्या उमावि सिलवानी में भी हफ्ते में तीन दिन के लिए लिपिकीय कार्य के लिए आदेश कर दिया गया। इसके अलावा जिले के अधिकारियों की कृपा से उसे 15 अगस्त और 26 जनवरी पर जिला स्तरीय कार्यक्रम में विशेष सम्मान भी मिल चुका है। जिला शिक्षा अधिकारी से बात हुई तो उन्होंने बताया की एक कर्मचारी को मैं सस्पेंड करने में सक्षम था और दूसरे कर्मचारियों को लोक शिक्षण संस्थान के अधिकारियों द्वारा सस्पेंड किया गया और तीसरे व्यक्ति की अभी बारीकी से जांच चल रही है।
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