झारखंड : गुमला में फिर पैर पसार रहा डायरिया, एक महिला की मौत

Update: 2023-10-06 12:22 GMT
हर साल की तरह इस साल भी गुमला के ग्रामीण इलाकों में डायरिया ने पैर पसारना शुरू कर दिया है, जिले के घाघरा प्रखंड के देवकी कुसुम टोली गांव में कई लोगों को डायरिया ने अपने चपेट में ले लिया है. इस बीच डायरिया से एक महिला की मौत ने ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना दिया है. देवकी कुसुम टोली गांव में डेढ़ और 5 साल के बच्चे समेत अभी तक 16 ग्रामीण डायरिया के पीड़ित हैं. बीमारी धीरे-धीरे ग्रामीणों को अपनी चपेट में ले रही है और इसकी सबसे बड़ी वजह है इलाके में साफ पानी का इंतजाम ना होना. दरअसल, आज तक इस गांव में लोगों को साफ पानी नसीब नहीं हुआ है. जिसके चलते लोग कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाते हैं और फिलहाल यहां के लोग डायरिया का प्रकोप झेल रहे हैं.
 फिर पैर पसार रहा डायरिया
इलाके के विधायक चमरा लिंडा बीते तीन बार से यहां से चुनाव जीत रहे हैं, लेकिन जिस जनता ने उन्हें चुनाव जिताया. विधायक उनकी ही खबर लेना मुनासिब नहीं समझते. इस गांव की दुर्दशा का आलम ये है कि जहां एक तरफ खतरनाक से खतरनाक बीमारियों का इलाज अब आसानी से हो जाता है. वहां डायरिया जैसी बीमारी से एक महिला की मौत हो जाती है. महिला की मौत के बाद उसके तीन मासूम बच्चों के सिर से मां का साया उठ गया है. परिवार अभी भी सदमे में है.
गांव में नहीं है साफ पानी की व्यवस्था
सबसे हैरानी वाली बात है कि ये गांव कोई बहुत दूरदराज का गांव नहीं है. बल्कि घाघरा प्रखंड मुख्यालय से महज 10 किमी की दूरी पर है. सोचने वाली बात है कि अगर मुख्यालय के पास होने के बाद भी अगर इस गांव की ऐसी हालत है, तो दूर-दराज के गावों की दुर्दशा का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है. झारखंड सरकार मंचो से बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन धरातल की सच्चाई तो यही है कि लोग बूंद-बूंद पानी के लिए भी जद्दोजहद कर रहे हैं. गंदा पानी पीकर लोग बीमार पड़ रहे हैं. लोगों की मौत हो रही है. अगर राज्य की जनता को पीना का साफ पानी तक नसीब ना हो तो उस राज्य में विकास के दावे बेमानी ही लगते हैं.
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