उप राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर में ग्राम स्वराज का सपना साकार करने के लिए 100 सूत्री कार्यक्रम की घोषणा की
जम्मू-कश्मीर में ग्राम स्वराज का सपना साकार करने के लिए 100 सूत्री कार्यक्रम की घोषणा की गई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जम्मू-कश्मीर में ग्राम स्वराज का सपना साकार करने के लिए 100 सूत्री कार्यक्रम की घोषणा की गई है। यह मुख्य रूप से ग्रामीण बुनियादी ढांचे, सुशासन, आजीविका सृजन, वित्तीय समावेश, युवा अधिकारिता, पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तीकरण पर केंद्रित होगी।
उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के 20 हजार से अधिक नुमाइंदों के वर्चुअल सम्मेलन में ग्राम स्वराज कार्यक्रम की घोषणा करते हुए जम्मू-कश्मीर में एक समावेशी समाज के निर्माण के लिए पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को मजबूत बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि गांवों और शहरों के बीच खाई भरी जाएगी, ताकि हर घर और नागरिकों तक समृद्धि पहुंचे। इन संस्थाओं को मजबूत बनाकर ग्राम स्वराज को सही मायने को साकार करने के लिए एक प्रभावी प्रणाली को सशक्त बनाया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद पहली बार ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के सहयोग से छह घंटे की कान्फ्रेंस करवाई गई। एलजी ने कहा कि निर्वाचित पंचायती राज संस्थाओं के क्षमता निर्माण से कृषि, ग्रामीण रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सुरक्षित पेयजल आपूर्ति, स्वच्छता, सामाजिक सुरक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं तक पहुंच और ग्रामीण जम्मू-कश्मीर को एक व्यापार केंद्र में बदलने की उत्पादक क्षमता पैदा होगी। एक जीवंत और उत्पादक कृषि अर्थव्यवस्था उच्च और सतत आर्थिक विकास की नींव है।
विकासात्मक गतिविधियों के प्रहरी के रूप में पंचायती राज संस्थाएं शासन को अधिक पारदर्शी और नागरिकों के प्रति जवाबदेह बनाने में मदद करेंगी। विकास कार्यों की प्रभावी योजना बनाने और उन्हें पूरा करने के लिए जिला कैपेक्स बजट तैयार करने के लिए पीआरआई को शामिल करने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया है।
प्रत्येक पंचायत को दिए 1.47 करोड़
उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं के लिए पीआरआई को धन उपलब्ध करवाया जा रहा है। पीआरआई के कार्यालयों का सुचारु संचालन सुनिश्चित बनाया जा रहा है। हाल ही में 1889 पंचायत लेखा सहायकों की भर्ती की गई है। औसतन प्रत्येक पंचायत को विकास कार्यों के लिए 1.47 करोड़ रुपये दिए गए हैं। बजट में जम्मू-कश्मीर के लिए 1.13 करोड़ रुपये, सभी पंचायतों को 1000 करोड़ की राशि, विकास के लिए 200 करोड़ आवंटित किए गए हैं।
20 जिला विकास परिषदों के लिए फंड (प्रत्येक डीडीसी के लिए 10 करोड़ रुपये) और ब्लॉक विकास परिषदों के लिए 71.25 करोड़ (प्रत्येक को 25 लाख रुपये) के अलावा स्थानीय निकायों को 313 करोड़ रुपये, मनरेगा सहित विभिन्न योजनाओं के तहत पंचायतों को 1727 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इस दौरान मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता, विभाग की प्रशासनिक सचिव मंदीप कौर भी मौजूद रहीं।