चार एनएच-58 सडक़ों पर थमे गाडिय़ों के पहिए, प्रदेश में बारिश से पीडब्ल्यूडी विभाग को करोड़ों की चपत
शिमला: हिमाचल में बीते 48 घंटों के दौरान हुई बारिश और बर्फबारी से लोक निर्माण विभाग को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। विभाग के अधीन 58 मार्ग पूरे प्रदेश में भर में बंद हुए हैं। इन मार्गों को बहाल करने के लिए बड़ी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है। खासतौर पर गैर जरूरी जगहों में तैनात मशीनों को हटाकर अब क्षतिग्रस्त मार्गों के सुधार पर लगाया है। लाहुल-स्पीति में सबसे अधिक सडक़ें प्रभावित हुई हैं। यहां 37 सडक़ों और दो एनएच के बंद होने से बड़ी आबादी को गंतव्य तक पहुंचने में मुश्किलें पेश आ रही हैं।
दर्जनों गांव को जोडऩे वाली सडक़ें ठप हो गई हैं। कुछ मार्गों पर हाल ही में सर्दियां गुजरने के बाद यातायात को बहाल किया गया था यह दोबारा से बंद हो गए हैं। घाटी के लाहुल में 20, उदयपुर में 13 और स्पीति में चार सडक़ें बंद हुई हैं। यहां दो नेशनल हाई-वे भी ठप हैं। इनमें एनएच-505 लोसर से छाटा डारा और एनएच-303 दारचा से सरचू तक बंद है। खराब मौसम से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में कुल्लू दूसरे स्थान पर है। यहां दो एनएच समेत दस सडक़ें ठप हो गई हैं। इनमें कुल्लू में छह और बंजार में चार सडक़ें बंद हैं। यहां एनएच तीन रोहतांग टॉप पर बंद हो गया है, जबकि एनएच 305 जलोड़ी जोत पर बंद है। अन्य जिलों की बात करें तो कांगड़ा में दो सडक़ें हैं। इनमें से एक धर्मशाला जबकि दूसरी कांगड़ा में बंद हुई है।चंबा में भी दो सडक़ों पर आवाजाही नहीं हो पा रही है। इनमें एक पांगी और दूसरी सलूणी में बंद हुई है, जबकि शिमला के डोडरा क्वार में भी एक सडक़ पर आवाजाही ठप हुई है। इन सडक़ों के बंद होने के बाद लोक निर्माण विभाग ने इन्हें बहाल करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग ने भारी मशीनरी के साथ कर्मचारियों को सडक़ बहाल करने के काम में उतार दिया है।
मार्ग खोलने में जुटी मशीनरी
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने बताया कि जिन जगहों में बर्फबारी या बारिश की वजह से नुकसान हुआ है, उनमें भारी मशीनरी की मदद से सडक़ों को बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है। गैर जरूरी जगहों से आवश्यकता पडऩे पर मशीनों को शिफ्ट किया जाएगा।