Vikramaditya Singh ने कुश्ती प्रतियोगिताएं को बताया हिमाचल की परंपरा और संस्कृति की पहचान

Update: 2024-06-30 17:59 GMT
Shimlaशिमला : हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने युवाओं को कुश्ती को खेल के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि कुश्ती प्रतियोगिताएं राज्य की परंपरा और संस्कृति की पहचान हैं। बालूगंज वेलफेयर सोसाइटी शिमला ने रविवार को कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया। विक्रमादित्य सिंह इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। विक्रमादित्य सिंह ने कहा, " कुश्ती प्रतियोगिताएं हमारी संस्कृति की पहचान हैं। बालूगंज में 1969 से कुश्ती का आयोजन किया जाता रहा है। देश भर से नामी पहलवान यहां आते हैं। आज राज्य में नशे की लत का शिकार हो रहे युवाओं के लिए खेल बहुत जरूरी हैं। ऐसे आयोजन युवाओं को एक मंच प्रदान करते हैं और पहलवानों को भी प्रोत्साहित करते हैं।" उन्होंने कहा कि शिमला में पेयजल की समस्या के समाधान के लिए
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह
के कार्यकाल में 1200 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू की गई थी। उन्होंने कहा, "इसके तहत शिमला के पीटरहॉफ में एक स्टोरेज टैंक बनाया गया है । कुछ ही समय में यहां से प्रेशराइज्ड पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। इस परियोजना के माध्यम से शुद्ध पानी के लिए अलग से व्यवस्था की गई है।"
इस दौरान उन्होंने बालूगंज वार्ड में सीढि़यों के निर्माण और खेल मैदान के लिए पांच लाख रुपये की विधायक निधि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही वार्ड के अंदर की सड़कों को भी अपग्रेड किया जाएगा।उन्होंने कुश्ती मेला आयोजन समिति को 31 हजार रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मैदान के साथ लगती भूमि को लेकर आ रही समस्याओं का जल्द समाधान किया जाएगा। इसके साथ ही मैदान पर हाई मास्क लाइटें लगाई जाएंगी। इसके लिए जल्द ही अनुमानित लागत का प्रस्ताव बनाया जाएगा, ताकि खिलाड़ी रात में भी खेल सकें।बालूगंज वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष राजीव ठाकुर ने मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों को सम्मानित किया।इस अवसर पर शिमला नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री, एसजेवीएन के निदेशक कार्मिक अजय कुमार शर्मा, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी शिमला ग्रामीण के अध्यक्ष गोपाल शर्मा, बालूगंज के पार्षद दलीप थापा सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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