हिमालय की गोद में बसा उत्तरकाशी कई पक्षियों का बना बसेरा, जिले में चिड़ियों की 365 प्रजाति, बर्ड वॉचिंग का है भरपूर स्कोप

हिमालय की गोद में बसे गढ़वाल क्षेत्र के उत्तरकाशी जिले को प्रकृति ने खूब संवारा है. प्रकृति ने इस

Update: 2022-05-19 04:26 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमालय की गोद में बसे गढ़वाल क्षेत्र के उत्तरकाशी (Uttarkashi) जिले को प्रकृति ने खूब संवारा है. प्रकृति ने इस सीमांत जिले को खूबसूरत पहाड़, नदी, झरने भरपूर दिए हैं. इसके सब के साथ उत्तरकाशी कई जानवरों और पक्षियों का बसेरा है (Bird Watching In Uttarkashi). चाहे हिमालय से लगा गंगोत्री नैशनल पार्क हो या हार्षिल घाटी. टकनोर हो या अस्सी गंगा घाटी पंछियों की आवाज से पूरी घाटी गूंज उठती है. पहाड़ी माहौल में रहने वाले स्थानीय लोगों का दिन इन पक्षियां की आवाज से शुरू होता है और रात भी इन्हीं की आवाज से होती है. जिले में बर्ड वॉचिंग का बड़ा स्कोप है , यहां पक्षियों की करीब 365 प्रजाति देखी जा चुकी हैं. इलाके के कई बर्ड वाचर का कहना है कि जिले के हर रेंज में बर्ड वॉचिंग का अच्छा स्कोप लेकिन लोगों में अभी इसको लेकर जागरुकता नहीं है.

बर्ड वॉचिंग के शौकीन और वन क्षेत्र अधिकारी टिहरी डैम 2 में तैनात शेखर सिंह राणा बताते हैं कि वह बीते दो सालों से बर्ड वॉचिंग कर रहे हैं. उत्तरकाशी जिले में करीब 365 पक्षियों की प्रजातियां देखी गई हैं. राणा बताते हैं कि मुख्य रूप से गंगोत्री रेंज में स्टेपी ईगल (steppe Eagle), स्कारलेट मिनिवेट (scarlet minivet), वाइट ब्रॉवेड वैगटेल( white-browed wagtail ) अप्रैल माह में देखी गई हैं. इसी तरह हर्षिल घाटी में वाइट वैगटेल (white wagtail ), इबिसविल (ibisbill), वाइट-चिकिड नाटहेच (white-cheeked-Nuthwtch), हिमालयन मोनाल (himalayan monal) आदि प्रजातियों को इस साल अप्रैल में देखा गया है.
नेलांग घाटी और दयार क्षेत्र में पाई जाती है ये प्रजातियां
वहीं नेलांग घाटी में चुकर (chukar), यूरासैन स्पैरोव्हॉक (eurasain sparrowhawk), येल्लो बिलड कफ (yellow billed chough), कॉल टिट ( coal tit), वैस्टन क्रोउण्ड व्रबलेर (western crowned warbler), हिमालयन ब्लूएटेल (himalayan bluetail) जैसी कई हिमालयन प्रजातियां भी देखी जा चुकी हैं. दयारा क्षेत्र में कलजी फेअसंट (kalij pheasant ), स्पेकलेड वुड पिगन (speckled wood pigeon), हिमालयन वुडपीकर ( himalayan woodpecker) देखी गईं है. वहीं बोनेल्लीस ईगल (bonelli's Eagle), कॉमन किंगफिशर (common kingfisher), हिमालयन रुबयथ्रोत्त ( Himalayan Rubythroat ), क्रेस्टेड बुंटिंग (crested bunting), हिमालयन ग्रिफ्फोन (himalayan griffon) आदि प्रजातियां भी देखी गई हैं.
बर्ड वॉचिंग से पैदा हो सकते हैं रोजगार के अच्छे अवसर
बर्ड वाचर वन अधिकारी शेखर सिंह राणा बताते हैं कि उत्तरकाशी जिले में सभी रेंजों में कई पक्षियों की कई प्रजाति देखी जा सकती हैं. कई बर्ड ऐसी है जो मौसम में माइग्रेट होती हैं. अभी बर्ड जिले में बर्ड वाचिंक को लेकर लोगों में जागरूकता कम है, हम लोग इसको लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं. बर्ड वॉचिंग में बहुत अच्छा रोजगार हो सकता है अगर युवा पीढ़ी इस ओर रुचि लें तो बर्ड वॉचिंग रोजगार का बेहतर अवसर हो सकते हैं. प्रभागीय वन अधिकारी पूनीत तोमर बताते हैं कि विभाग की ओर से कई बार बार्ड वाचिंक के कैम्प लगाए गए हैं और सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट के अंतर्गत बर्ड वॉचिंग करवाई जाती है. प्रदश के कई बर्ड वाचर इसमे प्रतिभाग करते हैं. बीते अक्टूबर और मार्च के महीने बर्ड वॉचिंग के कैम्प लगाए गए थे. आगे के लिए भी बर्ड वॉचिंग को लेकर प्रस्ताव दिया गया है.
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