हिमाचल के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के अंतर जिला तबादलों का मसला अब कैबिनेट बैठक में होगा हल

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के अंतर जिला तबादला विवाद का कैबिनेट बैठक में निपटारा होगा।

Update: 2022-04-05 03:51 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के अंतर जिला तबादला विवाद का कैबिनेट बैठक में निपटारा होगा। जेबीटी, सीएंडवी शिक्षकों का दूसरे जिलों में स्थानांतरण के बाद नियमितीकरण का मामला फंसा हुआ है। सरकार ने कार्मिक और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस बाबत हल निकालने के निर्देश दिए थे। कार्मिक विभाग की रिपोर्ट तैयार हो गई है। कार्मिक विभाग ने दूसरे जिलों में वरिष्ठता का लाभ नहीं देने का प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव को लेकर अब कैबिनेट बैठक में अंतिम फैसला होगा। 25 हजार जेबीटी और 18 हजार सीएंडवी शिक्षकों का सेवाकाल में सिर्फ एक बार अंतर जिला स्थानांतरण करने को सरकार ने मंजूरी दी है। दोनों श्रेणियों की जिलावार कैडर संख्या का पांच प्रतिशत स्थानांतरण एक वर्ष के दौरान किया जाएगा।

अनुबंध सेवाकाल को जोड़कर पांच वर्ष सेवा पूरी करने वाले शिक्षक इसके लिए पात्र होंगे। शादी होने पर जिला बदलने की सूरत में महिला अध्यापकों को न्यूनतम सेवाकाल की शर्त से छूट दी गई है। जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों के पहले 13 वर्ष का सेवाकाल पूरा होने पर दूसरे जिलों में तबादले होते थे। सरकार ने इस अवधि को घटाकर पांच वर्ष कर दिया है। बीते दिनों कुछ शिक्षकों ने दूसरे जिलों में स्थानांतरण करवाया है। स्थानांतरण के बाद इन शिक्षकों की नियमितीकरण के समय वरिष्ठता अन्य शिक्षकों के मुकाबले कम हो गई है। इसको लेकर शिक्षक संगठनों ने सरकार से मामले पर विचार करने की मांग उठाई थी। अब सात अप्रैल हो प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में इस मामले को हल किया जाएगा। कार्मिक विभाग वरिष्ठता देने के हक में नहीं है। ऐसे में अब सरकार क्या फैसला लेती है, इस पर शिक्षकों की नजरें टिकी हुई हैं।
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