क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत एजेंसी करेगी बागबानों की मदद, फलों की क्वालिटी पर होगी ब्रांडिंग
शिमला
हिमाचल के बागबानी फलों की ब्रांडिंग उसकी गुणवत्ता के अनुसार होगी। सरकार कलस्टर विकास कार्यक्रम के तहत बागबानी फलों की ब्रांडिंग व विपणन के लिए योजना तैयार कर रही है। कलस्टर विकास एजेंसी बागबानी उत्पादनों की ब्रांडिंग में बागबानों की मदद करेगी। हिमाचल प्रदेश में बागबानी के क्षेत्र में कलस्टर विकास कार्यक्रम नए आयाम स्थापित करेगा। सरकार इस कार्यक्रम को राज्य में सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने के लिए विचार कर रही है। बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने राष्ट्रीय बागबानी बोर्ड तथा हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बागबानी के क्षेत्र में विभिन्न फलों का उत्पादन किया जाता है, इसमें सेब, पलम, आड़ू, नाशपाति तथा नींबू प्रजाति के फल इत्यादि प्रमुख हैं। इस कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन के लिए प्रदेश में हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड को कलस्टर विकास एजेंसी बनाया है।
प्रदेश में इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए बागबानी विभाग को नोडल एजेंसी नियुक्त किया है, जो राष्ट्रीय बागबानी बोर्ड के साथ समन्वय स्थापित करेगी। इस अवसर पर कार्यक्रम प्रबंधन इकाई ग्रांट थोर्नटन के पार्टनर चिराग जैन ने कलस्टर विकास कार्यक्रम से संबंधित प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से हिमाचल प्रदेश को बहुत लाभ होगा। इस अवसर पर डा. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के कुलपति डा. राजेश्वर चंदेल, राष्ट्रीय बागबानी बोर्ड (एनएचबी) के उपप्रबंध निदेशक बीजे ब्रह्मा तथा संयुक्त निदेशक आरके अग्रवाल, हिमाचल प्रदेश बागबानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (एचपीएमसी) के प्रबंध निदेशक सुदेश कुमार मोक्टा, हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध निदेशक नरेश ठाकुर, हिमाचल प्रदेश उष्ण कटिबंधीय बागबानी, सिंचाई एवं मूल्य संवद्र्धन परियोजना एचपी शिवा के परियोजना निदेशक देवेंद्र ठाकुर, राष्ट्रीय बागबानी बोर्ड, एचपीएमसी तथा हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।