प्रदेश सरकार पर कर्मचारियों के हितों की अनदेखी का आरोप

हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने (Himachal Pradesh Non-Gazetted Employees Federation) प्रदेश सरकार पर कर्मचारियों (Government employees Himachal)के हितों की अनदेखी का आरोप लगाया है

Update: 2021-11-21 08:26 GMT

जनता से रिश्ता। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने (Himachal Pradesh Non-Gazetted Employees Federation) प्रदेश सरकार पर कर्मचारियों (Government employees Himachal)के हितों की अनदेखी का आरोप लगाया है. महासंघ का कहना है कि महासंघ की ओर से सरकार को सौंपे गए मांग पत्र पर चर्चा आवश्यक है, अन्यथा कर्मचारियों की मांगे पूरी नहीं होगी. महासंघ ने कहा कि यदि इस पर संयुक्त सलाहकार समिति की (Joint Consultative Committee meeting) बैठक में चर्चा नहीं हुई, तो महासंघ द्वारा 13 दिंसबर को विधानसभा में धरना प्रदर्शन (Protest against government) किया जाएगा. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष इंद्र ठाकुर ने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की समस्याओं और मांगों को लेकर कई बार अवगत करवाया गया है. लेकिन अभी तक सरकार हमारी मांगो की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है, जिसका खामियाजा सरकारी कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि 27 नवंबर को होने वाली संयुक्त सलाहकार समिति की (JCC Meetng Himachal) बैठक में कर्मचारियों की समस्याओं पर चर्चा आवश्यक होनी चाहिए और अगर इन मांगो पर चर्चा नहीं हुई तो महासंघ द्वारा सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जाएगा. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

इंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली (old pension restoration) के लिए भी कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की सेवानिवृत आयु 60 साल की जाए, इसके अलावा वेतन विसंगतियों को भी दूर किया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार न तो रिक्त पदों को भर रही हौ और न ही पदोन्नतियां कर रही है, जबकि शिक्षकों के पदों को आऊटसोर्स पर (outsource employees) भरा जा रहा है. इसके अलावा प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र द्वारा लागू सातवें वेतन आयोग के अनुसार 1.1.2016 देय वेतन व भत्ते भी कर्मचारियों को दिए जाएं.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा भी कर्मचारियों की कई समस्याएं हैं, जिन पर संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में चर्चा की जानी चाहिए. लेकिन सरकार की ओर से महासंघ के मांग पत्र की अनदेखी की जा रही है. उन्होंने कहा कि यदि कर्मचारियों की समस्याएं (problems of employees) नहीं सुलझी, तो कर्मचारियों इसका खामियाजा भी सरकार को भुगतना पड़ सकता है. उन्होंने सरकारे से आग्रह किया कि कर्मचारियों की मांगों को पूरा किया जाए.


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