सौदान सिंह ने सदर मंडल की बैठक में नहीं बुलाए, अनिल शर्मा के बिना चुनाव लडऩे की तैयारी में भाजपा

Update: 2022-08-10 10:30 GMT
मंडी।
प्रदेश के 68 विधानसभा हलकों में हॉट सीट व पिछले साढ़े चार वर्षों में सबसे अधिक चर्चा का विषय रहे सदर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति विधानसभा चुनावों के नजदीक आने के बाद भी खामोश है। विधानसभा चुनावों को अब कुछ ही समय शेष बचा है, लेकिन मंडी सदर विधानसभा क्षेत्र में चुनावी तैयारियों और चेहरे को लेकर भाजपा के साथ कांग्रेस में भी रहस्य व अटकलें बरकरार हैं। सदर से इस समय भी भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री अनिल शर्मा ने अपने अगले चुनाव को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं। हालांकि भाजपा ने रविवार को चुनावों की तैयारियों व कार्यकर्ताओं की फीडबैक को लेकर रखी गई एक महत्त्वपूर्ण बैठक में अनिल शर्मा को न बुला कर कुछ संकेत तो दिए हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तर क्षेत्र प्रभारी सौदान सिंह तीन दिन तक मंडी में भाजपा के दस मंडलों की बैठक लेकर लौट गए। रविवार को उन्होंने सदर विधानसभा क्षेत्र और धर्मपुर भाजपा मंडल के पदाधिकारियों की बैठक ली। रविवार को सदर भाजपा मंडल की महत्त्वपूर्ण बैठक में सदर विधायक अनिल शर्मा को नहीं बुलाया गया। बैठक में जब पदाधिकारियों ने अनिल शर्मा का मुद्दा उठाया तो राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने इस पर पदाकारियों को चुप करा दिया और कहा कि इसके अलावा बात करें।
हालांकि बैठक से इस बात के संकेत जरूर मिले हैं कि सदर में भाजपा संगठन इस बार बिना अनिल शर्मा के ही चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है, लेकिन इसके बाद भी सदर भाजपा कार्यकर्ताओं और चुनाव लडऩे के इच्छुक नेताओं में असमंजस है। कार्यकर्ताओं की मानें तो उन्हें डर है कि फिर से चुनाव के ऐन वक्त पार्टी अनिल शर्मा को ही अपना दूल्हा न बना ले, जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस के अंदर भी अनिल शर्मा की वजह से असमंजस बरकरार है। पिछले विधानसभा चुनावों में अनिल शर्मा अपने परिवार सहित भाजपा में शामिल हो गए थे, तो कांग्रेस ने पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर बेटी चंपा ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया था। वहीं, पिछले लोकसभा चुनावों में आश्रय शर्मा के कांग्रेस टिकट पर चुनाव लडऩे के कारण अनिल शर्मा को मंत्री पद छोडऩा पड़ा और वह पार्टी व सरकार से दूर हो गए। बीते चार वर्षों में कई बार अनिल शर्मा और सरकार के बीच टकराव भी देखने को मिला। (एचडीएम)
टिकट के चाहवानों को डर, कहीं दोबारा कांग्रेस में न लौटें
अगर अब अनिल शर्मा कांग्रेस में वापस लौटते हैं, तो सदर से कांग्रेस टिकट में बदलाव के आसार बन जाएंगे। यही डर कांग्रेस नेताओं व चुनाव की तैयारियों में जुटे नेताओं को सता रहा है। अनिल शर्मा का कहना है कि उन्हें किसी बैठक में नहीं बुलाया जा रहा है। वह सदर में जन संपर्क अभियान में जुटे हुए हैं। अब किस दल से चुनाव लडऩा है, इसका फैसला जनता ही करेगी और वह उसके अनुसार ही अगला कदम उठाएंगे।
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