Himachal Pradesh,हिमाचल प्रदेश: यह सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक लड़ाई अब जंगली मुर्गा, समोसे और फुल्के (चपाती) के मुद्दे पर उलझ गई है। ताजा विवाद शिमला के चौपाल इलाके के कुपवी में जंगली मुर्गा परोसने को लेकर है, जहां शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने ग्रामीणों के साथ रात बिताई। सोशल मीडिया पर सीएम को रात के खाने में जंगली मुर्गा परोसे जाने का एक कथित वीडियो वायरल हो गया है। सुखू को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वे इसे नहीं खाते, लेकिन उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वे अपने बगल में बैठे अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी धनी राम शांडिल और फर्श पर बैठकर खाना खा रहे अन्य लोगों को इसे परोसें। इस घटना की विपक्षी भाजपा समेत विभिन्न हलकों से तीखी आलोचना हुई।
कई गैर सरकारी संगठनों ने भी जंगली मुर्गा, एक संरक्षित पक्षी को मारने के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। एक्स पर एक पोस्ट में सुखू ने कहा कि स्वास्थ्य कारणों से वे नॉनवेज और तला हुआ खाना नहीं खाते। स्थानीय लोगों ने मुझे जंगली चिकन खाने को दिया, लेकिन मैंने मना कर दिया। नॉनवेज खाना पहाड़ी खान-पान का अभिन्न अंग है। अब जय राम इस पर टिप्पणी कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि उनके पास बोलने के लिए कोई और मुद्दा नहीं है। उन्होंने ग्रामीणों और उनकी साधारण जीवनशैली को बदनाम करने के लिए इस घटना को चुना। जवाब में विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि जिन लोगों को भाजपा शासन के दौरान एक कार्यक्रम में फुल्के परोसने पर आपत्ति थी, वे जंगली मुर्गा का लुत्फ उठा रहे हैं। कांग्रेस ने पिछली भाजपा सरकार पर जन शिकायतें सुनने के लिए आयोजित जन मंच कार्यक्रम में फुल्के और अन्य खाद्य पदार्थों पर करोड़ों खर्च करने का आरोप लगाया था। जंगली मुर्गा विवाद उस घटना के बाद सामने आया है, जब राज्य सीआईडी ने सीएम की मौजूदगी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पांच सितारा होटल से मंगाए गए समोसे के गायब होने की जांच के आदेश दिए थे।