हिमाचल प्रदेश के 5,528 सरकारी स्कूलों में चलाई जा रही प्री प्राइमरी कक्षाएं

सरकारी स्कूलों

Update: 2022-07-14 11:29 GMT
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नर्सरी और केजी कक्षा के 50 हजार बच्चों के लिए नई पाठ्य सामग्री तैयार करने का काम शुरू हो गया है। समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना कार्यालय में चार दिन के लिए शिक्षा विभाग और राष्ट्रीय स्तर की स्वयंसेवी संस्था प्रथम के चयनित 30 शैक्षणिक विशेषज्ञ जुट गए हैं। प्री प्राइमरी शिक्षण पाठ्यक्रम और कार्ययोजना की समीक्षा और निर्माण कार्यशाला राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से 15 जुलाई तक लगेगी। हिमाचल प्रदेश के 5,528 सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं चलाई जा रही हैं। वर्ष 2018 से प्री प्राइमरी कक्षाओं को प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शुरू किया गया है।
इस अवधि में शिक्षा विभाग की ओर से बच्चों को रंग बिरंगी रोचक और आकर्षक शिक्षण सामग्री मुहैया करवाई गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पूर्व प्राथमिक शिक्षा को विशेष महत्व दिया गया है। आधारभूत शिक्षा में भारत सरकार के निपुण भारत अभियान में भी तीन से आठ आयु वर्ग के लिए शैक्षणिक उद्देश्य निर्धारित किए गए हैं। इसके तहत प्री प्राइमरी के पाठ्यक्रम की समीक्षा एवं निर्माण की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने अब पाठ्यक्रम में बदलाव करने का फैसला लिया है।
4,000 प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती ठंडे बस्ते में
प्री प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने के लिए 4,000 शिक्षकों की भर्ती का मामला अभी ठंडे बस्ते हैं। बीते करीब एक वर्ष से इस मामले की फाइल केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण लेने के लिए ही झूल रही है। नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करने वालों और आंगनबाड़ी वर्करों को भर्ती करने के लिए अभी तक नियम भी तैयार नहीं हुए हैं। स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू हुए चार माह का समय बीत चुका है। नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करवाने वाले संस्थानों की मान्यता को लेकर ही अभी तक शिक्षा विभाग स्थिति साफ नहीं कर पाया है। इन कक्षाओं को वर्तमान में जेबीटी शिक्षक ही पढ़ा रहे हैं।

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