शिमला: प्रदेश के चिडिय़ाघरों में अब प्रवेश शुल्क ऑनलाइन वसूला जाएगा। वन्य प्राणी विभाग ने आय के साधन बढ़ाने के लिए यह सुझाव दिया है। सिक्योर हिमालय परियोजना हिमाचल प्रदेश चिडिय़ाघर संरक्षण और प्रजनन सोसायटी सहित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क जैव विविधता संरक्षण सोसायटी की बैठक में ऑनलाइन वसूली पर चर्चा हुई है। बैठक का आयोजन वन विभाग के प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में समिति ने वर्ष 2023-24 के लिए 63 लाख की कार्य योजना को स्वीकृत किया । अध्यक्ष ने सुझाव दिए कि इस परियोजना के अंतिम वर्ष के दौरान परियोजना के तहत विकसित मूल्य श्रृंखलाओं जैसे सिबकथोंन, हेजलनट व हैंडलूम गतिविधियों को मजबूत किया जाए । प्रधान मुख्य अरण्यपाल और वन बल प्रमुख राजीव कुमार ने कहा कि परियोजना भारत सरकार-संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम सहित विश्व बैंक से वित्त पोषित है। इसकी अवधि वर्ष 2018 से 31 मार्च, 2024 तक है।
सिक्योर हिमालय परियोजना की छठी और अंतिम संचालन समिति की बैठक में अनिल ठाकुर, नोडल अधिकारी एवं अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल ने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र में चारागाहों और जंगलों के स्थायी प्रबंधन को बढावा देना था । विशेष सचिव वन सीपी वर्मा, मुख्य अरण्यपाल (शमशी, जीएचएनपी) मीरा शर्मा, मुख्य अरण्यपाल के थिरूमल, अरण्यपाल हमीरपुर निशांत मल्होत्रा, उपअरण्यपाल (कुल्लू) एलसी वंदना, उपअरण्यपाल रविशंकर, उपअरण्यपाल हमीरपुर वन्य प्राणी के रायलस्टन, वन मंडल अधिकारी चंबा अमित शर्मा, वन मंडल अधिकारी शीतल शर्मा, वन्य प्राणी प्रभाग मुख्यालय अनिता भारद्वाज, मुख्य अरण्यपाल शिमला दक्षिण अशोक कुमार नेगी, वन मंडल अधिकारी प्रचार एवं ईको टूरिज्म सरोज वर्मा उपस्थित रहे।