परवाणू में अब हिमाचल के पुष्प उत्पादक बेच सकेंगे फूल, 15 मई से जाएगी प्रदेश की पहली पुष्प मंडी
अब हिमाचल प्रदेश के पुष्प उत्पादकों को फूलों की बिक्री के लिए बाहरी राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अब हिमाचल प्रदेश के पुष्प उत्पादकों को फूलों की बिक्री के लिए बाहरी राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। प्रदेश की पहली पुष्प मंडी परवाणू में 15 मई से कारोबार शुरू हो जाएगा। पहले दिन बाहरी राज्यों से 10 कारोबारी फूल खरीदने के लिए यहां पहुंचेंगे और कारनेशन समेत पांच किस्मों के फूल खरीदेंगे। वर्तमान में यहां के किसान दिल्ली, करनाल, चंडीगढ़ समेत अन्य बाहरी राज्यों को फूल सप्लाई कर रहे हैं। उन्हें बाहरी राज्यों तक फूल पहुंचाना महंगा पड़ रहा है।
इस मंडी के खुलने से प्रदेश का फूल यहां ही बिक जाएगा। मंडी समिति के सचिव रविंद्र शर्मा ने बताया कि प्रदेश में फूलों की खेती तैयार है। 15 मई से समिति ने पुष्प मंडी में कारोबार शुरू करने का निर्णय किया है। मंडी समिति सोलन की ओर से कालका-शिमला एनएच पर परवाणू के समीप 1.75 करोड़ की लागत से पुष्प मंडी का निर्माण किया गया है। जिला सोलन के डांगरी, चायल, घट्टी, देवठी सहित जिला सिरमौर में फूलों की पैदावार होती है। इन क्षेत्रों के उत्पादक हर वर्ष करोड़ों रुपये का फूल चंडीगढ़, दिल्ली की मंडियों में बेचते हैं।
किसानों को कमीशन से मिलेगा छुटकारा
सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, मंडी और शिमला में फूलों की सबसे अधिक खेती होती है। इसमें जिला सिरमौर फूल उत्पादन में पहले स्थान पर है। अकेले सिरमौर से ही हर वर्ष पांच करोड़ से अधिक का कारोबार फूलों से होता है। सोलन दूसरे स्थान पर है। परवाणू मंडी के खुलते ही प्रदेश के सैकड़ों किसानों को इसका लाभ मिलेगा। किसानों का ट्रांसपोर्ट खर्च बचेगा, वहीं दिल्ली में फूलों पर लगने वाले दस फीसदी कमीशन से भी छुटकारा मिलेगा।