बच्चे के बिना नहीं रह पाई मां, पति के नाम कर दिया बिजनेस, पढ़ें पूरा मामला
पढ़ें पूरा मामला
भोपाल। भोपाल में रहने वाले अपने बेटे को साथ रहने की चाह में एक मां कुछ भी करने को तैयार है. यहां तक कि उसने भोपाल का जमा-जमाया बिजनेस पति के नाम कर दिया है. इस बिजनेस को महिला ने अकेले अपने बूते खड़ा किया था. वर्तमान में महिला विदेश में रह रही है. इस मामले में पति ने इस शर्त पर हां भरी है कि पत्नी उसे समय-समय पर अपने बेटे से मिलने देगी. साथ ही रोज वीडियो कॉल पर बेटे से बात कराएगी. समझौते की शर्तों पर रजामंदी के बाद फैमिली कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है.
बेटे को भारतीय संस्कार सिखाना चाहते हैं : लंदन निवासी एनआरआई महिला की शादी भोपाल के ईदगाह हिल्स निवासी से हुई थी. महिला ने भोपाल में बिजनेस स्टार्ट किया. यह उसके लंदन वाले बिजनेस की ब्रांच थी. भोपाल में बिजनेस तेजी से बढ़ने लगा. कुछ समय बाद दोनों लंदन में बस गए. शादी के दो साल बाद बेटा हुआ. चार साल पहले दंपति ने बेटे को भोपाल में उसके दादा- दादी के पास छोड़ दिया ताकि बच्चे को भारतीय संस्कार मिल सकें. दंपती का प्लान था कि एक-दो साल में बच्चे को वापस ले जाएंगे और पति- पत्नी लंदन लौट गए.
एक साल पहले हुआ तलाक : इसी बीच कोरोना के चलते ये लोग इंडिया नहीं आ पाए. पति अपनी पत्नी से इंडिया में ही रहने के लिए कहने लगा लेकिन पत्नी तैयार नहीं थी. दोनों के बीच तनाव बढ़ा. पति भोपाल वापस आ गया. यहां पर उसने तलाक का आवेदन लगा दिया. एक साल में तलाक हो गया. कोर्ट ने बच्चे के हित को देखते हुए बच्चे की परवरिश जिम्मेदारी पिता और दादा-दादी को सौंप दी. साथ ही कहा कि जब बच्चा 12 वर्ष का हो जाएगा तो वह निर्णय ले सकता है कि उसे किसके पास रहना है.
बच्चे के बिना नहीं रह पाई माँ : महिला ने कहा कि वह कुछ साल बच्चे से दूर ही रही है. तलाक के वक्त उसे लगा कि वह बच्चे के बिना रह लेगी. लेकिन वह नहीं रह पा रही है. इसलिए उसने पति से कहा कि या तो वह बच्चे के साथ विदेश आकर रहने लगे या बच्चे की कस्टडी उसे सौंप दें. बदले में वह स्ट्रगल कर रहे पति को अपना भोपाल का बिजनेस सौंप देगी. मामले में पिता ने कहा कि बच्चे को भी मां की जरूरत है. इसे देखते हुए उसने हां की है. हालांकि, पिता ने कहा कि यदि उसे एहसास हुआ कि बच्चे को उससे दूर किया जा रहा है तो वह अपना फैसला बदल देगा.
Source: etvbharat.com