Solan. सोलन। शहर में ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए बनाया गया शामती बाइपास अब अपनी ही बदहाली के आंसू रो रहा है। इसकी खस्ताहालत से लोग इस पर सफर करना पसंद नहीं कर रहे हैं। यह गई है कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे पड़ गए हैं जहां पर कभी भी हादसा हो सकता है। लोक निर्माण विभाग की कथित लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सडक़ की मरम्मत दूर की बात है, आंजी के समीप उतराई में दो बड़े-बड़े पैच खुदाई करके ऐसे ही खुला छोड़ दिए गए हैं जो वाहन चालकों के लिए खतरनाक हैं और यहां कभी भी दुर्घटना हो सकती है। शामती बाइपास की सडक़ ट्रैफिक का इतना बोझ सहन करने के लायक नहीं है। इस करीब पांच किलोमीटर लंबी बाइपास सडक़ के निर्माण पर करीब 30 करोड़ रुपए की लागत आई है।
पहले इस सडक़ का काम विभिन्न कारणों से लटकता रहा। करीब छह साल बाद यह बाइपास बनकर तैयार हुआ, इस पर ट्रैफिक शुरू हुआ तो सडक़ इसका भार नहीं सहन कर पाई। मेटलिंग भी उखड़ गई। तब आनन-फानन में कई जगह मरम्मत का काम भी शुरू किया गया है। अब सडक़ की हर हालत फिर से खराब हो गई है। चंडीगढ़ की ओर से राजगढ़ जाने वाला ट्रैफिक इसी सडक़ पर चलता है। माल रोड व शहर के बीचों के ट्रैफिक जाम से बचने के लिए यह बाईपास बनाया गया था। स्थानीय लोगों महेश कुमार, सुनील शर्मा, विजय वर्मा, मोनिका, राम सिंह आदि का कहना है बाइपास मार्ग पर कई लंबे-लंबे पैच ऐसे बन गए हैं जहां पर लगता है कि यह सडक़ अभी कच्ची ही है। मेटलिंग पूरी तरह से उखड़ गई है जहां से गाड़ी चलाना मुश्किल काम है। कई लोगों ने इस बाइपास को डंपिंग जोन भी बना रखा है। रात के अंधेरे में सडक़े किनारे ही मलबे का ढेर लगा देते हैं। अनदेखी का शिकार हो रहे इस बाइपास की सुध लेने की आवश्यकता है।