मानसून ने हिमाचल में पहुंचाया भारी नुकसान, प्रदेश में बारिश से बहे 1150 करोड़, नुकसान का आकलन करने केंद्र से आएगी टीम

मानसून ने हिमाचल में दो विभागों को भारी नुकसान पहुंचाया है। इस नुकसान से उबरने के लिए अब विभाग और सरकार पूरी तरह से केंद्र पर निर्भर हैं।

Update: 2022-08-20 02:08 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मानसून ने हिमाचल में दो विभागों को भारी नुकसान पहुंचाया है। इस नुकसान से उबरने के लिए अब विभाग और सरकार पूरी तरह से केंद्र पर निर्भर हैं। केंद्र से मिलने वाले मुआवजे से अब इस बड़े नुकसान की भरपाई होगी। मानसून से अब तक हुए नुकसान का आंकड़ा 1150 करोड़ जा पहुंचा है। इस नुकसान में 50 फीसदी की हिस्सेदारी अकेले लोक निर्माण विभाग की है। विभाग को 647 करोड़ का भारी-भरकम नुकसान हो चुका है। बरसात की वजह से सडक़ों पर हुए भू-स्खलन से नुकसान का यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। लोक निर्माण विभाग ने मार्ग बहाल करने के लिए विभाग और निजी ठेकेदारों की जेसीबी तैनात कर रखी हैं और हादसे वाली जगह पर पहुंचने के लिए अधिकतम समय 45 मिनट निर्धारित किया है। इसके बावजूद मार्ग बहाल करने में दो से तीन दिन का समय लग रहा है।

लोक निर्माण विभाग की बात करें तो प्रदेश से विभागीय अधिकारी नियमित रूप से अपडेट ले रहे हैं। यह आंकड़ा आपदा प्रबंधन की तरफ से भी जुटाया जा रहा है। बरसात के बाद नुकसान की एक विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी और केंद्र से टीम नुकसान का जायजा लेने के लिए हिमाचल में आएगी। इस टीम की रिपोर्ट के आधार पर ही हिमाचल में हुए नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार करेगी।
जलशक्ति विभाग को 462 करोड़ की चपत
जलशक्ति विभाग को अब तक 462 करोड़ के नुकसान का अनुमान है। विभाग की कई पेयजल योजनाएं पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। कुछ परियोजनाएं गाद की भेंट चढ़ गई हैं। जलशक्ति विभाग के प्रमुख अभियंता संजीव कौल का कहना है कि जलशक्ति विभाग को हुए नुकसान का आकलन नियमित रूप से हो रहा है। लोगों को मुश्किल पेश न आए, इसके लिए विभाग योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा है।
बिगड़ैल मौसम बढ़ा रहा नुकसान का आंकड़ा
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने बताया कि लोक निर्माण विभाग को भारी नुकसान हुआ है। मानसून में सैकड़ों सडक़ें प्रभावित हुई हैं। इन सडक़ों पर भू-स्खलन होने की वजह से मार्ग बार-बार बंद हो रहे हैं इससे नुकसान का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। सडक़ें लगातार चलती रहें, इसके लिए विभाग प्रयासरत है। विभाग ने अपनी टीमें मैदान में उतार रखी हैं।
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