प्रारंभिक तौर पर 88 लाख की धनराशि होगी तांदी संगम घाट प्रोजेक्ट पर व्यय

Update: 2023-05-20 10:47 GMT

केलांग । जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के हिंदू एवं बौद्ध समुदाय के धार्मिक आस्था का केंद्र चंद्रा व भागा नदी संगम स्थल तांदी घाट प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य जिला प्रशासन द्वारा जल्द ही शुरू करने जा रहा है | लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने उपायुक्त लाहौल स्पीति राहुल कुमार व अन्य विभागीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ आज तांदी में संगम घाट का संयुक्त रूप से निरीक्षण करने के उपरांत यह जानकारी दी |

संयुक्त निरीक्षण में उपायुक्त लाहौल स्पीति राहुल कुमार , वन मंडल अधिकारी अनिकेत बानवे, सहायक आयुक्त संकल्प गौतम एसडीएम रजनीश शर्मा व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों सहित पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे |

विधायक रवि ठाकुर ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत बनने वाले आधारभूत ढांचे व सौंदर्य करण कार्य का निर्माण वन विभाग की गठित ईको टूरिज्म सोसाइटी के माध्यम से निर्मित करवाया जाएगा और इसमें नेचर पार्क भी निर्मित किया जाएगा और जरूरी मूलभूत सुविधाएं भी जुटाने का भरसक प्रयास किया जाएगा |

विधायक रवि ठाकुर ने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार किए गए प्राक्कलन को वन विभाग के समन्वय से पुनर्मूल्यांकित कर निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा जिसके लिए स्वीकृत 88 लाख रुपए की धनराशि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से प्रारंभिक तौर पर सौंदर्य करण कार्यों पर व्यय की जाएगी | विधायक ने यह भी बताया कि इससे पूर्व के प्राक्कलन के मुताबिक 22 करोड़ की धनराशि व्यय की जानी प्रस्तावित थी जिस की आधारशिला तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह जी के कर कमलों द्वारा रखी गई थी | लेकिन मामला लंबित रहा और अब पुनः अब इस प्रोजेक्ट का पुनर्मूल्यांकन किया जा रहा है | और इसके लिए अतिरिक्त धनराशि भी जुटाई जाएगी |

रवि ठाकुर ने यह भी बताया कि यह संगम घाट का हिंदू एवं बौद्ध समुदाय के लोगों का धार्मिक आस्था का प्राचीनतम समय से यह केंद्र रहा है| यह घाट चंद्रा एवं भागा नदी का संगम स्थल है और धार्मिक आस्था के मुताबिक यहां अस्थियों का विसर्जन आदिकाल से किया जाता है जिस का पौराणिक महत्व भी है और यह स्थल मोक्षदायिनी माना गया है | और बौद्ध समुदाय में इसे 8 बड़े महाश्मशान घाटों में भी माना जाता है| और देश व प्रदेश के कई महान विभूतियों की अस्थियों का यहां पर विसर्जन किया गया है | इस पवित्र स्थल की अपनी अलग ही पहचान है और इसकी पौराणिक महात्मय और विशिष्ठता को बरकरार रखने के लिए प्रदेश सरकार भी कृत संकल्पित है |

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