ईडब्ल्यूएस के सर्किटफिकेट बनवाकर अपात्र ले रहे फायदा, पात्र हो रहे बाहर

Update: 2023-10-10 11:55 GMT
मंडी। प्रदेश में गलत ईडब्ल्यूएस के प्रमाणपत्र बनवाकर कुछ अपात्र लोग नौकरी हथिया रहे हैं। इसके चलते प्रदेश में लाखोंं बेरोजगारों के साथ धोखा हो रहा है। प्रदेश में गलत तरीके से बनाए जा रहे ईडब्ल्यूएस के प्रमाणपत्र पर हिमाचल प्रदेश बीएड बेरोजगार यूनियन के सचिव सुरेश शर्मा ने बताया कि सामान्य वर्ग में आर्थिक आधार पर कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा पूरे भारतवर्ष में लागू है। हिमाचल प्रदेश में भी चार लाख से कम आय सीमा के पात्र अभ्यर्थियों को इसका लाभ दिया जाता है। यह लाभ सरकारी नौकरियों व शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश हेतु दिया जाता है, परंतु यह प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया लगभग घोषित है तथा पारदर्शिता की कमी रह जाती है। बहुत मामलों में इसकी गलत जानकारी देकर ईडब्ल्यूएस के प्रमाणपत्र हासिल करके नौकरियां भी प्राप्त कर ली हैं, चाहे उन्हें बाद में नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है। जो हम लगातार समाचार पत्रों के माध्यम से जान रहे हैं।
यद्यपि इसमें कुछ लोग अभी तक बच निकले हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके संबंध में हिमाचल प्रदेश बीएड बेरोजगार यूनियन के पूरे प्रदेश के सदस्यों ने संबंधित जिलाधीश को पत्र भी लिखे हैं तथा सूचना के अधिकार के तहत जानकारियां जुटाई जा रही हैं, ताकि गलत तरीके से हासिल किए गए प्रमाणपत्र व उनके आधार पर ली गई नौकरियों पर लगाम लगाई जा सके तथा पात्र अभ्यर्थियों को ही इस आरक्षण का लाभ मिल सके। इस संबंध में बीएड बेरोजगार यूनियन ने संबंधित प्रमाणपत्र जारी करने वाली संस्थाओं व एजेंसियोंं से भी निवेदन किया है कि ईडब्ल्यूएस का प्रमाणपत्र जारी करने समय पूरी परिवार की आय की जानकारी जुटा ली जाए, तभी संबंधित व्यक्ति को ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र जारी किया जाए। हिमाचल प्रदेश बीएड बेरोजगार यूनियन ने बताया कि अगर प्रदेश में गलत तरीके से अपात्र लोग ईडब्ल्यूएस के प्रमाण पत्र बनवाते रहे, तो प्रदेश में बेरोजगार युवाओं को कभी भी नौकरी नहीं मिल सकती है। उन्होंने कहा कि ईडब्ल्यूएस के प्रमाणपत्र बनाने के लिए प्रदेश सरकार ठोस नीति बनाए। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि ऐसे मामलों की जल्द जांच की जाए, ताकि बेरोजगार युवाओं का लाभ मिल सके।
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