हिमाचल प्रदेश: धर्म संसद पर दर्ज हुई FIR, भड़काऊ भाषण देने का लगा आरोप, पढ़ें पूरा मामला
हिमाचल प्रदेश
ऊना: जिला ऊना के मुबारिकपुर में 17 से 19 अप्रैल तक आयोजित धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने पर अंब पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. मुबारिकपुर में हुई इस धर्म संसद में भड़काऊ भाषणों के लिए जाने जाने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती भी शामिल हुए थे. पुलिस ने जांच में पाया कि धर्म संसद के दौरान भड़काऊ भाषण दिए गए, जिसमें पुलिस ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार के गृह सचिव को धर्म संसद मामले में हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिया था और कहा था कि सरकार अगली सुनवाई से पहले सरकार द्वारा इस मामले में क्या कार्यवाई की गई, उसकी जानकारी दे. गौरतलब याचिकाकर्ता कुर्बान अली ने इस मामले में डीसी ऊना को भी शिकायत की थी, जिसके बाद आयोजक को अंब पुलिस थाना ने नोटिस भी जारी किए थे. उपायुक्त राघव शर्मा ने एसपी को भी जांच-पड़ताल के निर्देश दिए थे. जांच में आरोप सिद्ध होने पर मामला दर्ज करने के लिए कहा गया था.जिला ऊना के मुबारिकपुर में 17 से 19 अप्रैल तक हुई धर्म संसद को लेकर एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसी याचिकाकर्ता ने पहले ई-मेल कर इस धर्म संसद को लेकर कार्रवाई की मांग की थी. लिहाजा, पुलिस ने किसी भी तरह के भड़काऊ भाषण न देने के लिए नोटिस जारी किया था. गौरतलब है कि इस धर्म संसद में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने बतौर मुख्य वक्ता हिस्सा लिया था.
यति नरसिंहानंद अक्सर भड़काऊ भाषणों और विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहते है. पुलिस द्वारा धर्मसंसद के पहले ही दिन नोटिस जारी करने के दूसरे दिन याचिकाकर्ता ने उपायुक्त को एक और शिकायत पत्र भेजा था. इस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि धर्म संसद में भड़काऊ भाषण दिए गए हैं. जिसके वीडियो सोशल मीडिया में भी चलाए गए हैं. बाद में वीडियो के लिंक प्रशासन को दिए गए, जिनकी जांच पुलिस द्वारा की जा रही है.
डीएसपी हेड क्वार्टर डॉक्टर कुलविंदर सिंह ने बताया कि पुलिस ने इस संदर्भ में मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच जारी है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस संबंध में किसी धर्म विशेष का अपमान करने के आरोप में आईपीसी की धारा 295 और साथ ही कई लोगों के खिलाफ सांप्रदायिक भावना के तहत शांति भंग करने के आरोप में आईपीसी की धारा 153 ए के तहत केस दर्ज किया गया है.