हिमाचल: फर्जी HTV ड्राइविंग लाइसेंस पर MVI को मिलती थी अपरोक्ष रिश्वत, पढ़ें पूरा मामला

Update: 2023-02-27 16:47 GMT
शिमला/सोलन: 29 जून 2022 को रिश्वतखोरी के इल्जाम में ट्रांसपोर्ट विभाग (Transport Department) के एमवीआई समीर दत्ता की गिरफ्तारी के मामले में स्टेट विजिलेंस व एंटी करप्शन ब्यूरो (State Vigilance and Anti Corruption Bureau) ने नया खुलासा किया है।
इसके मुताबिक फर्जी हैवी ट्रांसपोर्ट व्हीकल (heavy transport vehicle) के ड्राइविंग लाइसेंस की एवज में आरोपी समीर दत्ता को अंजली ड्राइविंग स्कूल के मालिक जगदीश कुमार उर्फ तन्नू द्वारा अपरोक्ष तौर पर रिश्वत दी जाती थी। इसमें आरोपी एमवीआई के फ्लैट, वाहनों इत्यादि के अलावा अन्य खर्चों की किस्तें जगदीश कुमार द्वारा चुकाई जाती थी।
विजिलेंस की जांच में ये खुलासा हुआ है कि जगदीश कुमार व उसके कर्मचारियों के खातों से 21 लाख रुपए की राशि समीर दत्ता को अपरोक्ष तौर पर ट्रांसफर की गई। गौरतलब है कि एमवीआई की गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस द्वारा इस मामले में अलग से जांच की जा रही थी। जांच में साक्ष्य मिलने के बाद स्टेट विजिलेंस व एंटी करप्शन ब्यूरो ने एमवीआई समीर दत्ता व अंजली ड्राइविंग स्कूल के जगदीश कुमार के खिलाफ पीसी एक्ट 2018 की धारा-8,11 व 12 के तहत मामला दर्ज किया है।
उधर, एक अन्य जानकारी के मुताबिक विजिलेंस इस बात का भी रिकाॅर्ड खंगाल रही है कि एमवीआई द्वारा कितने फर्जी लाइसेंस (License) जारी किए गए हैं। फिलहाल ये आंकड़ा 70 से 80 के बीच का बताया गया है। बता दें कि विजिलेंस ने फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के मामले में एक अन्य आपराधिक मामला भी दर्ज किया हुआ है। फिलहाल तीन मामले दर्ज है।
29 जून 2022 को स्टेट विजिलेंस व एंटी क्रप्शन ब्यूरो की टीम ने एमवीआई समीर दत्ता व दलाल दिनेश ठाकुर को दाड़लाघाट के एक होटल से गिरफ्तार किया था। इस दौरान समीर दत्ता व दिनेश ठाकुर रिश्वत में ली गई राशि को काउंट कर रहे थे। विजिलेंस ने 5 लाख 68 हजार 500 रुपए की राशि को भी बरामद किया था। ये राशि वाहनों को फिटनेस प्रमाणपत्र देने की एवज में जमा की गई थी।
रिश्वतखोरी का भांडाफोड़ करने के लिए विजिलेंस ने 10 सदस्यों की टीम का गठन किया था। हालांकि, उस समय दत्ता की पोस्टिंग शिमला में थी, लेकिन दाड़लाघाट में भी अतिरिक्त जिम्मेदारी मिली हुई थी। विजिलेंस ने तड़के 5ः30 बजे होटल में दबिश दी थी। ऐसा भी बताया गया था कि वाहनों की फिटनेस प्रमाणपत्र पर जानबूझकर आपत्ति लगाई जाती थी, ताकि रिश्वत की राशि को लिया जा सके।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में स्टेट विजिलेंस व एंटी करप्शन ब्यूरो की एसपी अंजुम आरा ने कहा कि जांच में इस बात की तस्दीक हुई है कि अंजली ड्राइविंग स्कूल के जगदीश कुमार द्वारा आरोपी के खर्चों के लिए अलग-अलग खातों से राशि को ट्रांसफर किया जाता था। उन्होंने कहा कि ये अपरोक्ष रिश्वत थी।
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