सरकार ने लिया फैसला, बजट सत्र के बाद होंगे डॉक्टरों के तबादले, 100 से ज्यादा डीओ आए

हिमाचल प्रदेश में 23 फरवरी से होने वाले बजट सत्र के चलते डॉक्टरों, फार्मासिस्टों और नर्सों के तबादले नहीं होंगे।

Update: 2022-02-21 01:27 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल प्रदेश में 23 फरवरी से होने वाले बजट सत्र के चलते डॉक्टरों, फार्मासिस्टों और नर्सों के तबादले नहीं होंगे। प्रतिनियुक्ति के लिए भी सरकार ने मना कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के चलते मेडिकल कॉलेजों, जोनल और सिविल अस्पतालों से डाक्टरों, नर्सों और फार्मासिस्टों की फील्ड में तैनाती की है। कोरोना के मामले कम होने पर इन्हें वापस बुलाया जाना था, लेकिन बजट सत्र के चलते सरकार ने यह मामला लंबित रखा है। सरकार के पास तबादलों और प्रतिनियुक्ति को लेकर आई करीब सौ से अधिक फाइलों को पास कर दिया है।

सरकार ने फैसला लिया है कि जिन अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पद खाली चल रहे हैं, वहां डाक्टरों, नर्सों और फार्मासिस्टों को भेजा जा सकता है। प्रदेश में एक हजार से ज्यादा डाक्टरों, फार्मासिस्टों और नर्सों को इधर-उधर किया गया है। हिमाचल में कोरोना के एक्टिव मामले दो हजार से नीचे आ गए हैं। इसी तरह महामारी से होने वाली मौत पर भी अंकुश लग गया है।
पहले प्रदेश में प्रतिदिन कोरोना से 9 से 10 लोगों की मौतें हो रही थीं, वहीं अब एक से दो लोगों की मौत हो रही है। अस्पतालों में भी गंभीर मरीजों की संख्या अब न के बराबर है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि आईसीयू पर 5 से 6 लोग हैं, जबकि ऑक्सीजन बेड पर भी 15 से 20 लोग उपचाराधीन हैं। तीन चार दिन घरों में आइसोलेट होने के बाद मरीज ठीक हो रहे हैं।
तीसरी लहर अभी जारी, एहतियात बरतें
स्वास्थ्य विभाग में तबादलों पर रोक लगाई गई है। यह बजट सत्र की समाप्ति तक रहेगी। ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में जहां जरूरत होगी, वहां डाक्टरों, नर्सों व फार्मासिस्टों को भेजा जा सकता है। कोरोना की तीसरी लहर अभी जारी है। लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है।
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