सरकारी दावों की खुली पोल, ढहने के कगार पर ओट हाई स्कूल
द्रंग विस क्षेत्र के विकास के दावे धरातल पर कहां खड़े हैं
द्रंग विस क्षेत्र के विकास के दावे धरातल पर कहां खड़े हैं, इसकी पोल औट स्कूल खोलने के लिए काफी है। द्रंग विस में सत्तापक्ष के दरबारियों ने फोरलेन निर्माण से अपनी जेबें तो भर ली हैं, लेकिन राजकीय उच्च पाठशाला औट की हालत पर कभी इनता ध्यान नहीं गया है। राजकीय उच्च पाठशाला औट के बच्चे जब शनिवार को सुबह स्कूल पहुंचे तो स्कूल कमरे पानी और कीचड़ से लबालब थे। बच्चों को ही नहीं, बल्कि अध्यापकों को भी स्कूल में प्रवेश करने के लिए खासी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
भारी झोंकों से जर्जर हुए इस भवन को पानी कभी भी निगल सकता है, परंतु हैरानी वाली बात यह है कि स्कूल प्रबंधन समिति के बारंबार अवगत कराने पर भी शिक्षा विभाग और स्थानीय विधायक किसी बड़े हादसे के इंतजार में हैं। वर्ष 1962 से चल रहे इस स्कूल में लगभग 60 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, परंतु हैरानी वाली बात यह है कि उपमंडल बालीचौकी के सबसे पुराने स्कूलों में एक हाइ स्कूल औट में नन्हे बच्चे कीचड़ के दलदल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शिक्षा विभाग को खबर तक नहीं है, जबकि प्रदेश सरकार के नुमाइंदे बेखबर हैं।
हालांकि स्कूल प्रबंधन समिति की बैठक में स्कूल के दो कमरों को पढ़ाई के लिए असुरक्षित घोषित किया गया है, परंतु हाई स्कूल का परिसर कुछ और ही बयां कर रहा है। मीडिया की टीम ने स्कूल का दौरा किया तो देखा कि स्कूल के नन्हे बच्चे दलदल के बीच मौत के साए में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। स्कूल की पूरी बिल्डिंग में दरारे स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है, जबकि फोरलेन सडक़ निर्माण के चलते स्कूल का पूरा कैंपस जर्जर हालत में हो गया है, वहीं दूसरी ओर फोरलेन बनने से सडक़ निकासी का सारा पानी व दलदल स्कूल के ग्राउंड व कमरों में घुस रहा है।
स्कूल के हेडमास्टर विजय ठाकुर ने बताया कि स्कूल भवन पूर्ण रूप से जर्जर हो चुका है तथ छत से प्लास्टर आए दिन गिरता जा रहा है। ग्राम पंचायत औट के उपप्रधान श्यामलाल वैद्य ने बताया कि पिछले दो वर्षों से इस संबंध में शिक्षा विभाग व एनएचएआई से मांग करते रहे, परंतु आश्वासनों के सिवा कुछ नहीं मिला। स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष फता राम ने बताया कि औट हाई स्कूल में मूलभूत सुविधा नहीं मिल रही है। स्कूल में पिछले कई सालों से अध्यापक का पद भी रिक्त पड़ा हैं। बहरहाल मुख्यमंत्री के गृह जिला में हाइ स्कूल औट की बिल्डिंग नन्हे बच्चों के लिए मौत का सौदागर बन सकती है। अगर कोई अनहोनी हुई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।