शिमला-मटौर नेशनल हाई-वे पर जल्द शुरू होगा निर्माण, 40 किलोमीटर घटेगी दूरी समय की भी होगी बचत

नेशनल हाई-वे के सर्वाधिक महत्त्वकांक्षी प्रोजेक्ट पर एनएचएआई ने सर्वेक्षण पूरा कर लिया है।

Update: 2022-09-27 00:56 GMT

न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

जनत से रिश्ता वेबडेस्क। नेशनल हाई-वे के सर्वाधिक महत्त्वकांक्षी प्रोजेक्ट पर एनएचएआई ने सर्वेक्षण पूरा कर लिया है। राजधानी को धर्मशाला से जोडऩे वाली इस परियोजना को पांच चरणों में पूरा किया जाना है। अब शिमला से मटौर तक फोरलेन के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है और एनएचएआई नेशनल हाई-वे पर आगे का काम शुरू करेगी। इस नेशनल हाई-वे पर इस समय दो चरणों का काम चल रहा है। इन दोनों चरणों में कांगड़ा से हमीरपुर तक नेशनल हाई-वे को फोरलेन में बदला जाना है, जबकि नेशनल हाई-वे के तीन अन्य चरणों में सर्वेक्षण का काम शुरू किया गया था। शिमला से हमीरपुर तक 100 किलोमीटर हिस्से के सर्वेक्षण के बाद अब निर्माण क रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। सर्वेक्षण के दौरान एनएचएआई ने सडक़ पर आने वाले भवनों, पेड़ों और निजी भूमि का आकलन किया है।

अब अगली कड़ी में इस रिपोर्ट को राजस्व विभाग के सुपुर्द किया जा रहा है। फिलहाल, तीन चरणों की बात करें तो पहले चरण में शिमला से शालाघाट तक 22.25 किलोमीटर, दूसरे में शालाघाट से नौणी तक 30.250 किलोमीटर और तीसरे चरण में भगेड़ से हमीरपुर तक 45 किलोमीटर का सर्वे किया गया है। आगामी क्रम में राजस्व विभाग से हरी झंडी के बाद इन तीनों चरणों का निर्माण तेजी के साथ शुरू किया जा सकेगा। अभी तक की बात करें तो मटौर से भंगवार और भंगवार से हमीरपुर बाइपास तक निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इन दोनों चरणों में नेशनल हाई-वे को फोरलेन में बदलने पर करीब अढ़ाई हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इनमें मटौर से भंगवार तक 1323 करोड़ जबकि भंगवार से हमीरपुर बाइपास तक 1146 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है। नेशनल हाई-वे के फोरलेन में बदलने के बाद शिमला से कांगड़ा तक की दूरी करीब 30 से 40 किलोमीटर कम हो जाएगी। सफर के दौरान चालकों के लिए एक से डेढ़ घंटे की बचत होगी।

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