हमीरपुर, कांगड़ा, ऊना और मंडी जिलों में पहुंची औषधीय पौधों की खेप, स्कूलों में बनाए जाएंगे हर्बल गार्डन

छात्र-छात्राओं को औषधीय पौधों से रू-ब-रू करवाने और उनकी गुणवत्ता के बारे में

Update: 2022-08-05 07:07 GMT
हमीरपुर
छात्र-छात्राओं को औषधीय पौधों से रू-ब-रू करवाने और उनकी गुणवत्ता के बारे में प्रेक्टिकल तौर पर समझाने के उद्देश्य से स्कूलों में पहली बार हर्बल गार्डन तैयार तैयार किए जा रहे हैं। निदेशक आयुष विभाग के निर्देशानुसार प्रदेश के चार जिला जो उप उष्णकटिंबंधीय जलवायु क्षेत्र में आते हैं वहां के लिए हमीरपुर स्थित हर्बल गार्डन नेरी से पौधों की खेप भेजी जा चुकी है। अब इन पौधों की देखरेख करने का जिम्मा स्कूलों पर होगा। जानकारी के मुताबिक उप उष्णकटिबंधीय जलवायु क्षेत्र के तहत आने वाले जिला हमीरपुर, ऊना, कांगड़ा और मंडी के कुछ क्षेत्रों के लगभग 35 स्कूलों को हर्बल गार्डन नेरी से करीब 53 विभिन्न प्रजातियों के 325-325 औषधीय पौधों की खेप भेजी गई है।
इनमें हमीरपुर के 11, कांगड़ा के 9, मंडी के 6 और ऊना के 9 स्कूल शामिल हैं। ये सभी पौधे इन स्कूलों में लगाए जाएंगे। हालांकि ये पौधे सभी स्कूलों के लिए नहीं है। केवल जिन स्कूलों में स्कूल कैंपस के अलावा 500 स्कवेयर मीटर भूमि खाली पड़ी है उनके लिए अभी फिलहाल ये पौधे भेजे गए हैं। नेरी स्थित हर्बल गार्डन की ओर से इन पौधों की खेती और उनका क्या और कैसे इस्तेमाल किया जाता है इसकी जानकारी स्कूलों को मुहैया करवाई जा रही है। एचडीएम
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