रामपुर बुशहर: मिड डे मील वर्कर्स यूनियन सम्बंधित सीटू ब्लॉक इकाई सराहन की बैठक यूनियन अध्यक्ष मीना की अध्यक्षता में ज्यूरी में हुई। बैठक को सम्बोधित करते हुए सीटू जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह, यूनियन अध्यक्ष मीना महासचिव संगीत ने कहा कि केंद्र की सरकार पूंजीपतियों को फायदा पंहुचाने के लिए मिड डे मील योजना का निजीकरण करने की कोशिश कर रही है,
जबकि देश बढ़ते कुपोषण और भूख का सामना कर रहा है। केंद्र की सरकार द्वारा 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुसार मिड डे मील मजदूरों को मजदूर का दर्जा देने, पेंशन, ग्रेच्युटी, स्वास्थ्य आदि सुविधा को लागू नहीं किया जा रहा है। केंद्र की सरकार द्वारा मिड डे मील वर्करों के वेतन में 2009 के बाद से अभी तक कोई वृद्धि नहीं की है।
मोदी सरकार ने मिड डे मील योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री पोषण योजना करके इसे खत्म करने का खाका तैयार किया है। सरकार मिड डे मिल योजना में केंद्रीय रसोई घर व डीबीटी शुरू कर रही है। स्कूलों में मिड डे मील के खाते बंद कर दिए गए हैं। केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति लेकर आई है, जिसके चलते बड़े पैमाने पर सरकारी स्कूल बंद किये जा रहे हैं। केंद्रीय बजट 2023-24 जो कि 2022-23 के संशोधित आवंटन से कम है।