Himachal Pradesh: घुमारवीं अस्पताल में जल्द ही अत्याधुनिक नेत्र सुविधाओं से लैस रोबोटिक मशीन की सुविधा मिलेगी। मशीन घुमारवीं अस्पताल में पहुंच गई है और इसे इंस्टॉल किया जा रहा है, जिसका निर्माण एक कोरियाई कंपनी ने किया है। आईजीएमसी अस्पताल के बाद घुमारवीं अस्पताल में यह मशीन लगेगी, जिसकी कीमत करीब 25 लाख रुपये है। घुमारवीं अस्पताल में जब लोगों को यह सुविधा मिलेगी तो उन्हें दूसरे अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा। रोबोटिक मशीन नेत्र रोगियों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी, जो कम समय में नेत्र रोग का पता लगाने और ऑपरेशन करने में सक्षम है। पारंपरिक सर्जरी की तुलना में रोबोटिक मशीन से मोतियाबिंद के ऑपरेशन में जटिलताओं का खतरा कम होता है और रोगी बहुत जल्दी आसानी से ठीक हो जाते हैं।
रोबोटिक सर्जरी ज्यादा सटीक होती है। इससे सर्जरी के बाद आपकी दृष्टि बेहतर होती है और सर्जरी के बाद आपको चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस की कम जरूरत महसूस होती है। सर्जरी में समय भी कम लगता है। इसमें टांके लगाने की जरूरत नहीं होती, बल्कि छोटा सा चीरा लगाया जाता है और संक्रमण का खतरा भी कम होता है। घुमारवीं अस्पताल पर करीब एक लाख लोग निर्भर हैं, जिसमें घुमारवीं, सदर और झंडूता विधानसभा क्षेत्रों के लोग अस्पताल में आते हैं। घुमारवीं उपमंडल के साथ लगती सदर और झंडूता की पंचायतें हैं, जिनके लोग अक्सर घुमारवीं अस्पताल में आते हैं, इसके साथ ही बिलासपुर जिले के साथ लगती मंडी जिले की कुछ पंचायतों के लोग भी घुमारवीं अस्पताल में आते हैं।
घुमारवीं अस्पताल जिला बिलासपुर अस्पताल के बाद दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल है। घुमारवीं अस्पताल में हर दिन 450 से 600 मरीजों की ओपीडी होती है, जिसमें करीब 100 मरीज आंखों की बीमारियों से ग्रसित होकर आते हैं। मरीजों को बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने स्थानीय मंत्री के समक्ष बेहतरीन आई मशीन की मांग जताई थी, जिसके परिणामस्वरूप अस्पताल में मशीन उपलब्ध हो गई है और इसके लगने के बाद जल्द ही मंत्री राजेश धर्माणी इसका उद्घाटन कर सकते हैं।