Keylong. केलांग। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न से सम्मानित स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृतियों को अब लोग प्रदर्शनी के माध्यम से दिल्ली में भी देख सकेंगे। यही नहीं, किस तरह से अटल बिहारी वाजपेयी लाहुल व मनाली का दौरा करते थे। यहां के लोगों किस तरह से उनके निवासी मनाली स्थित प्रीणी में उनसे मिलने आया करते थे। प्रधानमंत्री भी किस तरह अपने गांव प्राणी में पहुंच कर कैसे ग्रामीणों से मिलते थे, ये सब चित्र के माध्यम से देख सकते हैं। ग्रामीण उन्हें मामू कहते थे। आज भी गांव वाले उनके जन्मदिवस पर उन्हें याद करते है। वहीं अटल बिहारी वाजपेई के जन्म शताब्दी को लेकर जिला लाहुल-स्पीति भाजपा द्वारा यह कार्य किया जा रहा है और कुल्लू व लाहुल से जुड़े उनकी स्मृतियों को एकत्र कर उसे चित्र के माध्यम से दिल्ली में दर्शाया जाएगा। ऐसे में लाहुल- स्पीति भाजपा द्वारा उनके कुल्लू और लाहुल की यादों को इन दिनों एकत्र किया जा रहा है।
स्व. अटल बिहारी वाजपेई की याद में दिल्ली में लगने वाली प्रदर्शनी में हिमाचल की स्मृतियां खास तौर पर कुल्लू-मनाली व लाहुल की भी शामिल होने जा रही है। लाहुल-स्पीति भाजपा द्वारा उनकी हिमाचल से जुड़ी हुई तस्वीरों व लेखों को जुटाया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री की जन्म शताब्दी समारोह के लिए भाजपा इसे राष्ट्रीय कार्यालय दिल्ली भेजेगी और ये समारोह में लगने वाली प्रदर्शनी का हिस्सा बनेंगी। बता दें कि लाहुल-स्पीति व कुल्लू जिला से स्व. अटल बिहारी का रिश्ता गहरा रहा है। अटल टनल बनाने की दिशा में भी उनके द्वारा कार्य आज सफल हुआ है। लाहुल से संबध रखने वाले उनके मित्र स्व. टशी दवा उर्फ अर्जुन गोपाल के निमंत्रण पर स्व. वाजपेयी ने केलांग पहुंचकर टनल निर्माण की घोषणा की थी। उसके बाद आज जब अटल टनल बना है, तो लाहुल-स्पीति सालभर के लिए देशभर से जुड़ा रहता है। पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि वाजपेयी का लाहुल से गहरा नाता रहा है। उन्होंने केलांग आकर 2 जून 2002 को अटल टनल निर्माण की घोषणा की थी। ऐसे में यह सभी स्मृतियां जल्द जुटाई जाएंगी और इसे दिल्ली स्थित भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय भेजा जाएगा।