हमीरपुर। वन विभाग हमीरपुर ने अपने अधीन आने वाले वन क्षेत्र में गिरे या फिर सूख चुके 21 हजार पेड़ हार्वेस्टिंग के लिए फॉरेस्ट कार्पोरेशन को दिए हैं। वन निगम की तरफ से इनकी कटाई करने के लिए टेंडर लगाया जाएगा। टेंडर आवंटित करने के बाद इन पेड़ों को काटा जाएगा। इन पेड़ों की लकड़ी की बाद में वन निगम नीलामी करता है। रॉयलिटी के रूप में कुछ पैसा वन विभाग को भी मिलता है। बताया जा रहा है कि जून महीने में वन विभाग की तरफ से गिरे या फिर सूख चुके पेड़ों की गणना करवाई गई थी। उस दौरान साढ़े 12 हजार पेड़ों का आंकड़ा सामने आया था। बरसात के मौसम में वन क्षेत्र में साढ़े आठ हजार पेड़ गिरे हैं। ऐसे में सूख चुके तथा गिरे पेड़ों का आंकड़ा 21 हजार पहुंच गया है। इन सभी पेड़ों को काटने कर अनुमति वन विभाग ने वन निगम को प्रदान की है। वन निगम इन पेड़ों की कटाई कर लकड़ी को अपने डिपो में भेजेगा। डिपो से लकड़ी की नीलामी होती है जिसकी एवज में कार्पोरेशन को रुपए मिलते हैं।
बता दें कि हमीरपुर वन विभाग के अधीन 16535 हैक्टेयर जंगल है। जंगल में कई प्रजातियों के पेड़ तथा पौधे पाए जाते हैं। कई पेड़ सूख जाते हैं तो कई तूफान आदी के कारण गिर जाते हैं। गिरने के कारण यह पेड़ भी सूख जाते हैं। हालांकि वन विभाग की जमीन से पेड़ काटने की आम आदमी को अनुमति नहीं है। वन विभाग स्वयं इन पेड़ों की निगरानी करने के साथ ही गणना करता है तथा बाद में इन्हें वन निगम को सौंपा जाता है। इस बार भी 21 हजार पेड़ों को कटाई के लिए वन निगम को सौंपा गया है। वन निगम इन पेड़ों की कटाई के लिए टेंडर लगाएगा। टेंडर आवंटित कर निगम के माध्यम से पेड़ों को काटकर इनकी लकड़ी को कार्पोरेशन के डिपो में भेजा जाएगा। कई प्रकार के पेड़ों की लडक़ी को सही ढंग से काटने के बाद डिपो में पहुंचाया जाता है। डिपो में पहुंची लकड़ी की बाद में नीलामी की जाती है। डीपएफओ हमीरपुर राकेश कुमार ने कहा कि वन क्षेत्र में गिर चुके तथा सूखे पेड़ों की कटाई का जिम्मो वन निगम को सौंपा गया है। इस बार 21 हजार पेड़ों का आंकड़ा सामने आया है। जून महीने में साढ़े 12 हजार गिरे तथा सूख चुके पेड़ों की गणना हुई थी हालांकि बरसात में भी लगभग साढ़े आठ हजार पेड़ गिरे हैं।