जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जेल भरो आंदोलन के बाद अब बागबानों ने अदानी के स्टोर को घेरने के लिए तैयारी कर ली है।सेब बागबान, अदानी का घेराव, बागबान, सैंज-बिथल और रोहड़ू में स्टोर, आज का हिमाचल प्रदेश समाचार, आज की हिंदी खबर, आज की महत्वपूर्ण हिमाचल प्रदेश समाचार, ताजा खबर, हिमाचल प्रदेश लेटेस्ट न्यूज़, हिमाचल प्रदेश न्यूज़, जनता से रिश्ता हिंदी न्यूज़, हिंदी न्यूज़, jantaserishta hindi news, apple horticulture, adani ka gherao, baagban, sainj-bithal and rohru stores, today's Himachal Pradesh news, today's hindi news, today's important Himachal Pradesh news, latest news, Himachal Pradesh latest news, Himachal Pradesh news,
25 अगस्त को ठियोग के सैंज, रोहड़ू और रामपुर के बिथल में बने अदानी के स्टोर को घेरने की तैयारी में हैं। इसके लिए बागवानों ने रणनीति तैयार कर ली हैं। दरअसल बागबान अदानी की ओर से खोले गए सेब के दामों से खुश नहीं हैं। अदानी ने 80 प्रतिशत रंग वाले प्रीमियम सेब के दाम 76 रुपए किलो तय किए हैं, जबकि बागबान इससे खुश नहीं हैं। सेब बागवानों का कहना है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष सेब उत्पादन में आने वाली लागत में 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई हैं। ऐसे में अदानी को भी सेब के दामों में पिछले वर्ष के मुकाबले 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी करनी चाहिए। इसके अलावा 60 प्रशितत से लेकर 100 प्रतिशत रंग वाले सेब के लिए बराबर दाम तय किए जाएं। अदानी ने ग्रेड-बी सेब के दाम सिर्फ 20 रुपए प्रति किलो निर्धारित किए हैं। बागबानों की मांग हैं कि ग्रेड-बी सेब के दामों में भी बढ़ोतरी की जाए।
बागबानों में जयराम सरकार के प्रति भी रोष है, क्योंकि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव आरडी धीमान ने बागबानों को भरोसा दिलाया था कि नौणी यूनिवर्सिटी के कुलपति की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी। इसमें बागबान भी होंगे और यह कमेटी सेब के बाजार भाव को देखते हुए अदानी और दूसरे निजी घरानों के लिए रेट ओपन करेगी, लेकिन अदानी समूह ने खुद ही सरकारी आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए मूल्य तय कर दिए। संजय चौहान ने कहा कि बीते साल कुछ निजी घरानों ने 85 रुपए तक प्रति किलो के हिसाब से सेब खरीदा। इस लिहाज से अदानी ने इस साल प्रीमियम सेब का रेट नौ रुपए प्रति किलो कम ओपन किया है, जबकि एक साल के दौरान इनपुट कॉस्ट में 30 से 80 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। निजी कंपनियों को लूट खसोट की इजाजत नहीं दी जाएगी।
विधायक राकेश सिंघा समेत 25 पर एफआईआर
शिमला – सेब कॉर्टन व ट्रे पर जीएसटी हटाने सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बागबानों द्वारा शिमला के मॉलरोड पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन व नारेबाजी करने के आरोप में पुलिस ने विधायक राकेश सिंघा समेत 25 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। प्रदेश भर से आए बागबानों ने बुधवार को धारा-144 का उल्लंघन करते हुए मॉलरोड पर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। पुलिस ने इन लोगों पर प्रशासन की अनुमति के बिना अवैध सभा बनाकर सरकार के विरुद्ध धरना एवं नारेबाजी कर प्रशासन के आदेशों की अवहेलना करने पर एफआईआर दर्ज की है। गौर हो कि बागबान प्रदेश सरकार के ढुलमुल रवैये से नाखुश हैं। इसे देखते हुए प्रदेश भर से बागबान बुधवार को गिरफ्तारियां देने शिमला पहुंचे थे। जानकारी के अनुसार सदर पुलिस थाना के पुलिस कर्मी गश्त पर मॉलरोड पर मौजूद थे, तो कुलदीप तंवर, राजन हल्टा और हरीश चौहान के नेतृत्व में लगभग 20 से 25 लोग जुलूस के रूप में सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आए थे। उधर, एसपी शिमला मोनिका भुटूंगरू का कहना है कि पुलिस ने विधायक राकेश सिंघा सहित धरने में शामिल लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
बागबान आंदोलन के नाम सिर्फ राजनीति
शिमला – भाजपा किसान मोर्चा हिमाचल ने प्रदेश में चल रहे बागबानों के आंदोलन को राजनीति से प्रेरित बताया है। गुरुवार को शिमला में भाजपा हिमाचल किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री संजीव देष्टा ने आरोप लगाया है कि इस आंदोलन में सिर्फ एक ही संगठन के लोग शामिल हैं। इसमें किसान-बागबान सिर्फ पांच से 10 प्रतिशत हैं। बागबानों को झूठी जानकारी देकर उन्हें बरगलाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी सेब सीजन चल रहा है। भरे सेब सीजन में किसानों-बागबानों को जेलों में डलवाया जा रहा है। कुछ लोग बागबान आंदोलन के नाम पर सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तथ्यहीन विषय बागबानों के बीच लाए जा रहे हैं और पांच हजार करोड़ रुपए की सेब की अर्थव्यवस्था को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। भाजपा सरकार हमेशा किसान हितैषी निर्णय लेती है। केंद्र सरकार द्वारा 18 प्रतिशत जीएसटी लागू किया गया है। छह प्रतिशत जीएसटी पर सबसिडी देने का निर्णय लिया।