प्रदेश में खतरा बने दरख्तों को कम समय में निपटाने की बनेगी योजना, देवदारों पर एसओपी लाएगा वन विभाग
शिमला
आफत बने देवदार के पेड़ों को हटाने में वन विभाग अब मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तय करेगा, ताकि पेड़ों की शिकायत मिलने के कम से कम समय में इन्हें ठिकाने लगाया जा सके। साथ ही पेड़ों को बचाने के लिए भी बड़े पैमाने पर मुहिम छेड़ी जाएगी। प्रदेश की राजधानी में यह अभियान शुरू होगा और भविष्य में इसे डलहौजी, मनाली और मकलोडगंज समेत अन्य पर्यटक स्थलों में लागू किया जाएगा। इसके निर्देश वन विभाग के प्रधान मुख्य अरण्यपाल और वन बल प्रमुख राजीव कुमार ने जारी किए हैं। वे राजधानी में बीते दिनों आफत बने देवदार के पेड़ों के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान सिलसिलेवार गिरे देवदार के पेड़ों पर भी व्यापक चर्चा की गई।
राजीव कुमार ने कहा कि राजधानी में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान विभिन्न भवनों, पेड़ों और भूस्खलन से नुकसान पहुंचा है। इस नुकसान का आकलन किया जा रहा है, जो पेड़ इस दौरान धराशायी हुए उन्हें भी हटाने के प्रबंध किए हैं। उन्होंने कहा कि बरसात के बीच वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर देवदार के पेड़ों को ठिकाने लगाया और इससे कई लोगों के घरों को होने वाले नुकसान से बचाया है।
भविष्य के लिए सुझाव
बैठक के दौरान प्राकृतिक आपदा में आई विभिन्न कठिनाइयों के पहलुओं पर भी चर्चा की गई और सुझाव भी लिए गए। इन सुझावों से भविष्य में इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए सहायता मिलेगी। बैठक में वन मंडल अधिकारी मुख्यालय अनीश शर्मा, वन मंडल अधिकारी ग्रामीण कृष्ण कुमार, वन मंडल अधिकारी शहरी अनिता भारद्वाज, वन परिक्षेत्र अधिकारी शहरी सौरभ जिंगटा व वन परिक्षेत्र अधिकारी ग्रामीण मोहन सिंह चंदेल उपस्थित रहे।