प्रशिक्षण देकर लोगों को पर्यावरण से जोड़ रहे वीरभान

Update: 2023-03-28 11:58 GMT

हिसार न्यूज़: खाली बोतल, प्लास्टिक के डब्बे और थर्मोकोल जैसी चीजें अगर आपको फालतू लगती हों तो शहर के वीरभान वर्मा आपको गलत साबित कर सकते हैं सालों से कबाड से जुगाड में जुटे और पर्यावरण के लिए कार्यरत वीरभान अभी तक सैकडों खुबसूरत आइटम तैयार कर चुके हैं

लोगों तक ये हुनर पहुंचाने के लिए शहर के सिग्नेचर टॉवर में प्रदर्शनी और निशुल्क कार्यशाला का अयोजन करेंगे

उंचा गांव आईटीआई में हैं कार्यरत

57 वर्षीय वीरभान वर्मा वर्ष 1986 से कौशल विकास एवं औधोगिक प्रशिक्षण विभाग में कार्यरत हैं वे नहर पार सेक्टर 82 में रहते हैं और फिलहाल वे राजकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान ऊंचा गांव में बतौर प्रचार्य कार्यरत हैं और उन्होंने परिसर को भी खूब हरा भरा बनाया हुआ है

बचपन से ही कई अद्भुत कामों का है शौक वीरभान बताते हैं कि बचपन से ही पेड़ पौधे लगाने, पुराने सिक्के और नोट इकट्ठे करने, डाक टिकट इकट्ठा करने और किसी भी कबाड के सामान से सजावटी वस्तुएं बनाने का शौक रहा है इस समय उनके पास हजारों की संख्या में नए पुराने सिक्के और नोटों का संग्रह है वही घर में खुबसूरत इंदोर और बाल्कनी गार्डन तैयार किया हुआ है खासियत ये है की ज्यादातर पौधे खुद के बनाए प्लांटर में ही लगाए हुए हैं वे सामाजिक संगठन से जुड़कर भी पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ पौधे लगाने के काम में जुटे हैं

थर्मोकोल से मन्दिर बनाकर जीता था राज्य पुरस्कार वीरभान अभी तक खराब सामानों से सैकडों प्लांटर , वाल हैंगिंग, फाउंटेन, बर्ड हाउस और डेकोरेटिव समां बना चुके हैं बताते हैं की 25 साल पहले थर्माकोल से बनए मंदिर के मॉडल को विभाग के राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मिला था

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