पानीपत, जेएनएन। पानीपत में तीन हत्याकांड का पर्दाफाश हुआ। तीन हत्या करने के बाद शव को ठिकाने लगा दिया गया। जब मृतक बेटों केपरिवार वालों ने शक जाहिर किया। पुलिस ने पूछताछ की तो तीनों हत्या का पता चला।
पानीपत एएसपी विजय कुमार ने बताया कि नारा गांव का सोनू थर्मल में ठेकेदार के पास काम करता था। 11 जून को सोनू थर्मल के आसू और राकेश से लिफ्ट लेकर निकला था। तीनों मतलौडा के शराब के ठेके पर रुके। इसके बाद वहां पर शराब पी। वहीं पर भालसी गांव का मोनू आ गया। इसके बाद सभी ने बैठकर शराब पी। इसके बाद मोनू चला गया। सोनू को मोनू ने ज्यादा शराब पीने को कहा तो उसने मना कर दिया। इसके बाद तीनों में कहासुनी शुरू हो गई।
आसू और राकेश ने मिलकर गमछे से सोनू की हत्या कर दी। इसके बाद शव को शराब के खोखे के पीछे फेंक दिया। कुछ ही देर में मोनू वापस आ गया। उसने सोनू के बारे में पूछा। आसू ने कहा कि वह घर चला गया है। इसके बाद उसे शक हुआ कि मोनू ने देख लिया है। उसे शराब पिलाने के बहाने पानीपत जाने को कहकर ले गए।
तीनों एक ही बाइक पर दिल्ली पैरलल नहर के किनारे पहुंच गए। वहां पर मोनू की गला दबाकर राकेश और आसू ने हत्या कर दी। शव को नहर में फेंक दिया।
13 जून को मोनू का शव समालखा थाना क्षेत्र में मिला। शव की पहचान न हो पाने की वजह से पुलिस ने ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया। परिजनों ने 21 जून को मोनू के लापता होने की शिकायत दी।
आसू को शक था कि कहीं राकेश हत्याकांड के बारे में किसी को बता न दें। इस वजह से आसू ने राकेश की भी हत्या की साजिश रची। हरिद्वार स्नान के बहाने राकेश को लेकर निकला। राकेश और आसू मुजफ्फरनगर पहुंचे। यहां पर ट्यूबवेल में बैठकर शराब पीने लगे। आसू ने राकेश को ज्यादा शराब पिला दी। इसके बाद गला दबाकर हत्या कर दी।
राकेश के स्वजनों को आसू पर शक हुआ। राकेश के स्वजनों ने पुलिस को शिकायत थी कि राकेश ने बताया था कि वह मोनू के साथ जा रहा है। वहीं जांच में पता चला कि मोनू ने भी आसू और राकेश के साथ होने की बात परिवार वालों को बताई थी। 27 जून को आसू को असंध नाके से पकड़ा गया। पूछताछ में आसू ने वारदात कबूल की।