हरियाणा Haryana : सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना करते हुए हरियाणा पुलिस ने एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत दुर्घटना पीड़ितों को शुरुआती एक घंटे में निशुल्क उपचार मिलेगा। इस योजना के तहत दुर्घटना की तिथि से अधिकतम 7 दिनों की अवधि के लिए प्रति व्यक्ति प्रति सड़क दुर्घटना 1.5 लाख रुपये तक का उपचार निशुल्क प्रदान किया जाता है। इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हरदीप दून ने सभी संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा है। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि राज्य की सड़कों को आम आदमी के लिए सुरक्षित बनाना प्राथमिकता है। इसलिए सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए बेहतर एवं प्रभावी कार्ययोजना तैयार करना आवश्यक है। इसी कड़ी में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों को निशुल्क उपचार सुविधा प्रदान करना शुरू किया है। उन्होंने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा स्थानीय पुलिस और राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनुबंधित अस्पतालों के समन्वय से संयुक्त रूप से क्रियान्वित किया जाएगा। इस दौरान दुर्घटना पीड़ित को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 162 के तहत
अधिकतम 7 दिनों के लिए 1.5 लाख रुपये की सीमा तक मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाएगा। इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना पीड़ित को अस्पताल पहुंचाया जाता है। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन अपने सॉफ्टवेयर में घायल व्यक्ति का डाटा अपलोड कर संबंधित थाने को भेजता है, जिसके बाद थाना 6 घंटे के भीतर पुष्टि करता है कि घायल व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल हुआ था या नहीं। पुष्टि के बाद घायल व्यक्ति को कैशलेस इलाज मुहैया कराया जाता है। कपूर ने कहा कि राज्य में ऐसे ब्लैक स्पॉट भी चिन्हित किए गए हैं, जहां दुर्घटनाएं अपेक्षाकृत अधिक होती हैं। इन ब्लैक स्पॉट को सड़क इंजीनियरिंग विभागों के साथ समन्वय करके ठीक किया जाता है। सड़क सुरक्षा के विषय की गंभीरता को देखते हुए राज्य के विभिन्न जिलों में सड़क सुरक्षा समितियों का गठन किया गया है, जिनके माध्यम से सड़क सुरक्षा के एजेंडे पर नियमित बैठकें की जाती हैं। कपूर ने बताया कि 2024 में सड़क सुरक्षा समिति ने 19,261 स्कूली बसों की जांच की, जिनमें से 4,657 स्कूली बसों का अनियमितताओं के लिए चालान किया गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में 66 टोल प्लाजा हैं, जिनमें से 54 प्लाजा पर वेट-इन-मोशन मशीनें लगाई गई हैं, जिनमें से 29 का उपयोग ओवरलोड वाहनों का चालान करने के लिए किया जा रहा है।