बैराज का रिवर बेड 14 मीटर नीचे गया, हो सकता है भारी नुकसान

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Update: 2022-05-24 16:15 GMT

यमुनानगर। देश के 5 राज्यों में पानी का बंटवारा करने वाला हथिनी कुंड बैराज सुरक्षित नहीं है। बैराज को खतरा होने लगा है। अगर जल्दी ही कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो आने वाले समय में भारी तबाही हो सकती है। यमुनानगर में हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड सीमा पर स्थित हथिनी कुंड बैराज का निर्माण 9 जुलाई 1999को तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल ने किया था। यह बैराज रिकॉर्ड 3 वर्ष में तैयार करवाया गया था। 1999 के बाद लगातार आने वाली बाढ़ से इस बैराज का रिवर बेड लगातार नीचे जा रहा है।

इस बैराज से नीचे ताजे वाला में 2010 में आई बाढ़ में ताजेवाला का स्ट्रक्चर बह गया था। उसके बाद इस बैराज का बेड और भी नीचे जा चुका है। 1999 में जब इस बैराज का निर्माण हुआ था उस समय इसका रिवर बेड 329 मीटर पर था, जबकि इस समय यह 14 मीटर नीचे जा चुका है। बैराज की कटेन वाल 310 मीटर पर है, मात्र 4 मीटर नीचे।

अगर यह 4 मीटर और नीचे आ जाता है तो वह बैराज को खतरा पैदा हो जाएगा। अब बैराज से 550 मीटर नीचे एक समर्सिबल वेयर बनाएंगे। इसे सेंट्रल वाटर कमीशन डिजाइन कर रहा है। जैसे ही यह डिजाइन तैयार हो जाएगा उसके बाद सिंचाई विभाग इस पर काम शुरू कर देगा। आगामी महीने मानसून सीजन शुरू होने वाला है। जिसके बाद बैराज को बचाने का यह कार्य अगले वर्ष ही शुरू हो पाएगा। सिंचाई विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर आर एस मित्तल का कहना है कि अगले 2 महीने में सेंट्रल वाटर कमीशन की रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी। उसके बाद अगले सीजन से पहले काम शुरू हो जाएगा।
बैराज का रिवर बेड इतनी तेजी से नीचे आने के कारणों के बारे में आर एस मित्तल का कहना है कि जब यमुना में पानी आता है तो उसकी स्पीड बहुत ज्यादा होती है। उसमें बड़े-बड़े पत्थर बह कर आते हैं। वह रिवर बेड को नुकसान पहुंचाते हैं। इसी तरह 2010 व 2019 में हेवी फ्लड आने से बैराज की सुरक्षा में लगाए गए बड़े-बड़े ब्लॉक बह गए थे। जिससे बैराज को नुकसान हुआ है।

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