Haryana की संस्कृति का वैश्विक प्रभाव है गुरुग्राम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति
हरियाणा Haryana : हरियाणा की संस्कृति और आध्यात्म का वैश्विक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है। यह राज्य भारतीय उपमहाद्वीप की सांस्कृतिक धारा का हिस्सा है और इसकी गौरवशाली धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराएं न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रभावशाली रही हैं। यह बात गुरुग्राम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. मार्कंडेय आहूजा ने मुख्य वक्ता के रूप में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में हरियाणा अध्ययन केंद्र और लोक प्रशासन, इतिहास, समाजशास्त्र और राजनीति विज्ञान विभागों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित "वैश्विक परिप्रेक्ष्य में हरियाणा की संस्कृति और आध्यात्म का प्रभाव" विषय पर विस्तार व्याख्यान में कही। डॉ. मार्कंडेय ने कहा, "
हरियाणा की संस्कृति और आध्यात्म ने न केवल भारतीय समाज को प्रभावित किया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक धारा में भी योगदान दिया है। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण द्वारा दिया गया भगवद गीता का उपदेश दुनिया भर में मानवता, धर्म, कर्म और योग के सिद्धांतों को समझने का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है।" इस मौके पर कुलपति प्रोफेसर राजबीर सिंह, हरियाणा अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रोफेसर एसएस चाहर, डीन प्रोफेसर सेवा सिंह दहिया, डॉ. जगबीर नरवाल, डॉ. राजेश कुंडू, डॉ. समुंद्र सिंह, डॉ. सुमनलता, पंकज नैन मौजूद रहे।